वास्तु के अनुसार हर उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग तरह का कमरा होना चाहिए। घर के हर कमरे से एक अलग सकारात्मक और नकारात्मक उर्जा निकलती है। वास्तु के अनुसार कमरों से निकलने वाली ये उर्जा हमारी जीवनी शक्ति पर असर डालती है।
वास्तु के अनुसार कमरे को बदल दिया जाए तो आप में नई उर्जा का संचार होने लगेगा। इससे बढ़ती हुई उम्र भी थम सी जाती है। इससे आपके विचार और भावनाएं बदल जाती हैं। जिंदगी को खुल के जीने की शक्ति और उतसाह मिलने लग जाता है। अगर आप बोर हो चुके हैं अपनी घिसी-पिटी जिंदगी से, आप चाहते हैं कि आपका जीवन जींदगी के नए रंगों में रंग जाए तो वास्तू के अनुसार अपने कमरें को कुछ इस तरह सजाएं
यदि आप अविवाहित हैं। आप की अब तक शादी नहीं हुई है, आप चाहते हैं कि आपकी शादी जल्दी हो जाए तो, वास्तु के अनुसार अपने कमरे की सजावट करें।
बच्चों के लिए-
- बच्चों के रूम में हल्के रंगो का इस्तमाल होना चाहिए।
- कमरों के परदे भी हल्के रंग जैसे क्रीम या बेबी पिंक के होना चाहिए।
- पढ़ाई की टेबल उत्तर दिशा में होना चाहिए।
बेचलरर्स के लिए-
अविवाहित युवाओं को कभी भी दरवाजे की ओर सिर या पैर करके नहीं सोना चाहिए।
- यदि शादी नहीं हो रही तो कमरे में कभी भी हरा पौधा या गुलदस्ता गलती से भी ना रखें क्योंकि फेंगशुई के अनुसार पौधों में लकड़ी तत्व होता है और वो येंग ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। ये ऊर्जा शादी में रूकावट पैदा करती है।
- युवाओं के लिए दक्षिण-पश्चिम कोने वाला कमरा सबसे अच्छा रहता है।
- टी.वी., रेडियो, कम्प्यूटर आदि भी शयनकक्ष में रखना फेंगशुई के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है।
शादीशुदा लोगों के लिए-
- नेऋत्य कोण में प्रेमी युगल का चित्र लगाएं। लव बर्डस का चित्र भी लगा सकते है।
- शयन कक्ष में हल्के गुलाबी रंग के परदे लगाएं।
- कमरे की दिवारों का रंग क्रीम या हल्का पिंक होना चाहिए।
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इन दिनों मां दुर्गा की आराधना का महापर्व नवरात्रि चल रहा है। इस दौरान मां दुर्गा की भक्ति से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। पुराने पापों से मुक्ति मिलती है और देवी कृपा प्राप्त होती है।
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्तों द्वारा कई प्रकार की पूजा-अर्चना की जाती है। यदि आप भी मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो यह छोटा सा उपाय अपनाएं...
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद किसी भी सिद्ध माता के मंदिर जाएं और अपने साथ 21 केले लेकर जाएं। मंदिर पहुंचकर माता को केले अर्पित करें। इसके साथ ही मां दुर्गा के मंत्रों का जप करें या आरती करें। अपने कार्यों के पूर्ण होने की प्रार्थना करें। इसके बाद केले मंदिर में ही अन्य भक्तों में वितरित कर दें।
इस प्रकार यह उपाय नवरात्रि से शुरू करके सप्ताह में एक दिन अवश्य करें। कुछ ही दिनों सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगेंगे। देवी-देवता अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं लेकिन भक्त की वैसी श्रद्धा और आस्था होना चाहिए।
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जानिए: आज का पंचाग, किस दिशा में यात्रा करें? चोरी गई वस्तु कहां मिलेगी? आज कौन सा ग्रह, किस राशि में है?
03 अक्टूबर 2011: सोमवार, सूर्य दक्षिणायन, आश्विन मास शुक्लपक्ष, शोभन नाम संवत्सर, संवत् 2068, शरद ऋतु।
तिथि - सप्तमी
विशेष - शारदीय नवरात्रि
नक्षत्र - ज्येष्ठा सुबह 9.12 से मूल
सूर्योदय - 05:49
सूर्यास्त - 07:13
अक्षांश - 23:11 उत्तर
देशांश - 75:43 पूर्व
ग्रह स्थिति - चंद्र वृश्चिक सुबह 9.12 से धनु राशि में, सूर्य कन्या में, मंगल कर्क में, बुध कन्या में, गुरू मेष में, शुक्र कन्या में, शनि कन्या राशि में, राहु वृश्चिक में और केतु वृष राशि में स्थित है।
किस दिशा में यात्रा - पूर्व दिशा, यदि आवश्यक हो तो दूध सेवन कर के यात्रा करें।
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