शास्त्रों के मुताबिक मंगलवार के दिन बल, बुद्धि और विद्या के अधिष्ठाता देव श्री हनुमान की भक्ति से सुख और सफलता की मनचाही सिद्धि पाने के लिए बहुत मंगलकारी है। इस बार मंगलवार (1 नवम्बर) के साथ ही सूर्य उपासना की शुभ घड़ी यानी छठ पूजा का योग भी बना है।
शास्त्रों में सूर्यदेव श्री हनुमान के गुरु बताए गए हैं। इस तरह मंगलवार-छठ पूजा का संयोग शक्ति उपासना द्वारा सफलता पाने की अचूक घड़ी है। क्योंकि सूर्य और हनुमान उपासना मानसिक, शारीरिक, अध्यात्मिक और प्राकृतिक शक्ति व ऊर्जा देने वाली मानी गई है।
यही कारण है कि छठ पूजा पर सूर्य उपासना की शुभ घड़ी में हनुमान गायत्री मंत्र का स्मरण सूर्य और हनुमान की कृपा द्वारा मन-मस्तिष्क को गतिवान और ऊर्जावान रखकर मनचाही सफलता व तरक्की देने वाला होगा। जानते हैं यह हनुमान मंत्र और सरल पूजा विधि -
- इस दिन सुबह और शाम दोनों ही वक्त श्री हनुमान की पूजा सिंदूर, चमेली का तेल, चंदन, अक्षत, लाल वस्त्र या मौली, जनेऊ के साथ गुड़ की मिठाई का भोग अर्पित कर करें।
- लाल आसन पर बैठ श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें व नीचे लिखे हनुमान गायत्री मंत्र का स्मरण करें। रुद्राक्ष की माला के साथ 108 बार जप भी बहुत शुभ माना गया है।
ऊँ अंजनीसुताय विद्महे,
वायुपुत्राय धीमहि,
तन्नो मारुती: प्रचोदयात्।।
- अंत में गुग्गल धूप, घी के दीप से श्री हनुमान की आरती कर सुख व सफलता की कामना के साथ प्रसाद ग्रहण करें।
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हिन्दू धर्म में जहां यमराज को मृत्य यानी काल का देवता माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक यम का देवत्व रुप धर्मराज और पितृत्व रुप यमराज होता है। इसलिए कार्तिक माह में यम पूजा व दीपदान हर भय, चिंता, रोग कष्ट से मुक्त करने वाला माना गया है।
इसी माह की कार्तिक शुक्ल षष्ठी यानी सूर्य षष्ठी पर भी यमदेव का स्मरण संकटमोचक होता है। क्योंकि शास्त्रों में यमदेव सूर्य पूत्र बताए गए हैं। यम और सूर्य दोनों का संबंध काल से हैं। व्यावहारिक नजरिए से भी बुरे वक्त से बचने के लिए यम पूजा शुभ फल देती है।
खासतौर पर घर-परिवार, रिश्तों और जीवन को दीर्घ और संकटमुक्त रखने रखने के लिए इस दिन यम का विशेष मंत्र से स्मरण और दीप प्रज्जवलन का महत्व है। जानते हैं यमदेव की सरल पूजा विधि और विशेष मंत्र -
यमदेव की सरल पूजा विधि -
- शाम को यम तर्पण या यम उपासना करें। यम तर्पण में नदी या तीर्थ में दक्षिण दिशा में मुंह कर हथेलियों में जल, तिल और कुश लेकर नम: यमाय या नम: धर्मराजाय बोलकर जल छोड़ें। इस दिन जनेऊधारी हो तो जनेऊ को माला की तरह पहने और काले, सफेद तिलों को उपयोग में लें।
- इसी तरह शाम को तिल के तेल से भरे 5 या 11 दीपक जलाकर उसकी गंध, अक्षत, पुष्प से पूजा करें और दक्षिण दिशा में मुंह करके यमदेवता का ध्यान कर मंदिर या तीर्थ में दीपदान करें। साथ ही नीचे लिखें यम गायत्री मंत्र का यथाशक्ति या कम से कम 108 बार स्मरण करें -
ऊँ सूर्यपुत्राय धीमहि
महाकालाय धीमहि
तन्नो यम: प्रचोदयात्।।
- यमदेवता की आरती कर काल, भय व रोग मुक्ति की कामना करें। अगर आपकी धर्म और उपासना से जुड़ी कोई जिज्ञासा हो या कोई जानकारी चाहते हैं तो इस आर्टिकल पर टिप्पणी के साथ नीचे कमेंट बाक्स के जरिए हमें भेजें।
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जीवन में सफलता के क्या माएने होते हैं यह वही इंसान बता सकते है जिसने कभी सफलता या असफलता का स्वाद चखा हो। सफलता पाने की इच्छा तो हर कोई रखता है लेकिन यह सबके नसीब में नहीं होती। यदि आप किसी कार्य में सफल होने चाहते हैं तो उसके लिए नीचे लिखा उपाय करें-
उपाय
बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पश्चिम दिशा में मुख करके बैठ जाएं और सामने बाजोट(पटिए) पर लाल कपड़ा बिछकर उस पर गेहूं से स्वस्तिक बनाएं। इस स्वस्तिक पर एक थाली रखकर उस पर गं लिखें। अब इस गं अर्थात गणेशजी के बीज मंत्र की पूजा कर इसके ऊपर श्वेतार्क गणपति एवं एक लघु नारियल रख दें। लघु नारियल व श्वेतार्क गणपति स्थापित कर उसके आस-पास गोलाकार घेरे के समान 7 बिंदिया कुंकुम की लगाएं एवं नीचे लिखे मंत्र को जपते हुए उस पर एक-एक लक्ष्मी कारक कौड़ी रख दें।
मंत्र- ऊँ सर्व सिद्धि प्रदोयसि त्वं सिद्धि बुद्धिप्रदो भव: श्री
अब सभी कौडिय़ों पर कुंकुम व चंदन से तिलक करें, चावल चढ़ाएं, फूल चढ़ाएं। अगले दिन किसी कुंवारी कन्या को भोजन कराएं व दान-दक्षिणा देकर विदा करें। श्वेतार्क गणपति को पूजन स्थान पर स्थापित करें। कौडिय़ों एवं लघु नारियल को उसी वस्त्र में बांधकर जल में प्रवाहित कर दें।
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किस्मत का तारा ब़ुध अब बदल गया है। पिछले 3 दिनों से बुध वृश्चिक राशि में चल रहा है और अब पूरे महीने इसी राशि में रहेगा। जानिए आपकी राशि के लिए क्या इशारा कर रहा है बुध और कैसा रहेगा ये महीना आपके लिए......
मेष- मेष राशि वालों के लिए बुध का राशि बदलना अशुभ फल देने वाला रहेगा। मेहनत का फल नहीं मिलने से सोच विचार प्रभावित होंगे। अचानक हानि होने के योग बनेंगे। शत्रु सामने आएंगे।
वृष- इस राशि वालों को बिजनेस में लाभ मिलेगा। जीवनसाथी के साथ समय गुजरेगा। साझेदारी से लाभ होने के योग बनेंगे। रोजमर्रा के कार्यों से आय में वृद्धि होगी।
मिथुन- शत्रुओं को परास्त करेंगे। यश,धन, प्रतिष्ठा बढ़ेगी। चिंताए और जिम्मेदारियां बढ़ेगी। स्वास्थ्य चिंताएं और प्रॉपर्टी संबंधित विवाद हो सकते हैं।
कर्क- विद्यार्थियों के लिए सफलता देने वाला समय रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ेगा। योजनाएं छुपाएं। काम बनेंगे।
सिंह- इस राशि वालों के लिए बुध का राशि बदलना अच्छा समय लेकर आया है। इस राशि वालों के भूमि, प्रॉपर्टी संबंधित महत्वपूर्ण कार्योंं की योजनाएं बनेंगी। मानसिक अस्थिरताएं दूर होंगी।
कन्या- इस राशि वालों का राशि स्वामी बुध है इसलिए इस राशि वालों की आंतरिक शक्ति बढ़ेगी। मेहनत पूरूषार्थ सफल होंगे। दुसरों के हित के बारें में सोचेंगे। वाणी पर संयम आवश्यक है।
तुला- इस राशि वालों के लिए बुध का राशि बदलना शुभ रहेगा। निवेश के योग बनेंगे। वाक चातुर्यता से मनचाहे काम पूरे होंगे। अधिकारियों से सहयोग मिलेगा।
वृश्चिक- इस राशि वालों के लिए बुध का राशि बदलना शारीरीक रूप से अशुभ फल देने वाला रहेगा। आर्थिक रूप से अच्छा फल देने वाला रहेगा। व्यापारियों के लिए शुभ रहेगा। धनागम और आर्थिक उन्नति के योग बनेंगे।
धनु- धनु राशि वालों के लिए वृश्चिक राशि का बुध पारिवारिक प्रतिकूलताएं देने वाला रहेगा। परिवार से असंतोष बना रहेगा। खर्च की स्थितियां बनेंगी। यात्राएं होंगी। कोई नई योजनाएं नहीं बनाएं समय निकल जाने दें। बाहरी स्थानों से शुभ परिणाम मिलेंगे।
मकर- बुध के बदलने से इस राशि वालों के लिए समय शुभ रहेगा। संबंधों का लाभ मिलेगा। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। नए कार्य क्रियांवयन के लिए समय श्रेष्ठ रहेगा।
कुंभ- कार्यक्षेत्र में अनुकूलता रहेगी। यात्राओं से लाभ होगा। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। सोचे हुए कार्यों में विलंब होगा लेकिन सफलता मिलेगी। पिता पक्ष से चिंताएं बढेंगी।
मीन- नए व्यापार बिजनेस की रूपरेखा बनेगी। नौकरी वालों के लिए भी समय अच्छा रहेगा। इस राशि के लोग कर्मठ विचारों से आगे बढ़ें। बाहरी स्थानों से लाभ और अचानक शुभ समाचार मिलेगा
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कभी-कभी कहीं जाते समय हमें रास्ते में हाथी दिख जाता है। हाथी का दिखना शुभ संकेत माना जाता है। हिंदू धर्म में प्रचलित शकुन-अपशकुन में हाथी का दिखना शुभ शकुन बताया गया है।
प्राचीन काल से शास्त्रों के अनुसार बताए गए कई शकुन-अपशकुन की मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसी कई परंपराएं का चलन हैं जिन्हें आज भी काफी लोग मानते हैं। शकुन-अपशकुन को कुछ लोग अंधविश्वास भी मानते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार इनका काफी गहरा महत्व बताया गया है। जब भी हम किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए कहीं जा रहे होते हैं तो कभी-कभी कुछ छोटी-छोटी असामान्य या सामान्य घटनाएं दिखाई देती हैं। इन्हीं घटनाओं में सफलता और असफलता के इशारे छिपे होते हैं जिन्हें समझना होता है।
जब भी आप किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए जा रहे हों और रास्ते में हाथी दिखाई दे तो समझ लें कि आपकी आज की सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाएंगी। जरूरी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी और दिन अच्छा बितेगा। हाथी का दिखना शुभ माना जाता है। इसके पीछे धार्मिक मान्यता है कि हाथी का सीधा संबंध प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश से है। गणपति का मुख हाथी के जैसा ही है, इसी वजह से गजराज को भी पूजनीय और पवित्र माना जाता है।
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