यंत्रों की यदि विधि-विधान से पूजा की जाए तो ये शीघ्र ही शुभ फल देते हैं। ऐसा ही चमत्कारी है श्रीहनुमान यंत्र। इस यंत्र की नित्य पूजा से साधक की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। श्रीहनुमान यंत्र की पूजा विधि इस प्रकार है-
किसी मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। किसी शांत एवं एकांत कमरे में पूर्व दिशा की ओर मुख करके लाल आसन पर बैठें। स्वयं लाल या पीली धोती पहनें। अपने सामने चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान की मूर्ति स्थापित करें। चित्र के सामने तांबे की प्लेट में लाल रंग के फूल का आसन देकर श्रीहनुमान यंत्र को स्थापित करें। यंत्र पर सिंदूर से टीका करें और लाल फूल चढ़ाएं। मूर्ति तथा यंत्र पर सिंदूर लगाने के बाद धूप, दीप, चावल, फूल व प्रसाद आदि से पूजन करें। सरसों या तिल के तेल का दीपक एवं धूप जलाएं-
ध्यान- दोनों हाथ जोड़कर हनुमानजी का ध्यान करें-
ऊँ रामभक्ताय नम:। ऊँ महातेजसे नम:।
ऊं कपिराजाय नम:। ऊँ महाबलाय नम:।
ऊँ दोणाद्रिहराय नम:। ऊँ सीताशोक हराय नम:।
ऊँ दक्षिणाशाभास्कराय नम:। ऊँ सर्व विघ्न हराय नम:।
आह्वान- हाथ जोड़कर हनुमानजी का आह्वान करें-
हेमकूटगिरिप्रान्त जनानां गिरिसामुगाम्।
पम्पावाहथाम्यस्यां नद्यां ह्रद्यां प्रत्यनत:।।
विनियोग- दाएं हाथ में आचमनी में या चम्मच में जल भरकर यह विनियोग करें-
अस्य श्रीहनुमन्महामन्त्रराजस्य श्रीरामचंद्र ऋषि: जगतीच्छन्द:, श्रीहनुमान, देवता, ह् सौं बीजं, हस्फ्रें शक्ति: श्रीहनुमत् प्रसादसिद्धये जपे विनियोग:।
अब जल छोड़ दें।
इस प्रकार श्रीहनुमान यंत्र की नित्य पूजा से सभी मनोकामना पूरी होती हैं।
किसी मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। किसी शांत एवं एकांत कमरे में पूर्व दिशा की ओर मुख करके लाल आसन पर बैठें। स्वयं लाल या पीली धोती पहनें। अपने सामने चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान की मूर्ति स्थापित करें। चित्र के सामने तांबे की प्लेट में लाल रंग के फूल का आसन देकर श्रीहनुमान यंत्र को स्थापित करें। यंत्र पर सिंदूर से टीका करें और लाल फूल चढ़ाएं। मूर्ति तथा यंत्र पर सिंदूर लगाने के बाद धूप, दीप, चावल, फूल व प्रसाद आदि से पूजन करें। सरसों या तिल के तेल का दीपक एवं धूप जलाएं-
ध्यान- दोनों हाथ जोड़कर हनुमानजी का ध्यान करें-
ऊँ रामभक्ताय नम:। ऊँ महातेजसे नम:।
ऊं कपिराजाय नम:। ऊँ महाबलाय नम:।
ऊँ दोणाद्रिहराय नम:। ऊँ सीताशोक हराय नम:।
ऊँ दक्षिणाशाभास्कराय नम:। ऊँ सर्व विघ्न हराय नम:।
आह्वान- हाथ जोड़कर हनुमानजी का आह्वान करें-
हेमकूटगिरिप्रान्त जनानां गिरिसामुगाम्।
पम्पावाहथाम्यस्यां नद्यां ह्रद्यां प्रत्यनत:।।
विनियोग- दाएं हाथ में आचमनी में या चम्मच में जल भरकर यह विनियोग करें-
अस्य श्रीहनुमन्महामन्त्रराजस्य श्रीरामचंद्र ऋषि: जगतीच्छन्द:, श्रीहनुमान, देवता, ह् सौं बीजं, हस्फ्रें शक्ति: श्रीहनुमत् प्रसादसिद्धये जपे विनियोग:।
अब जल छोड़ दें।
इस प्रकार श्रीहनुमान यंत्र की नित्य पूजा से सभी मनोकामना पूरी होती हैं।
Varinder Kumar
ASTROLOGER
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Ludhiana Punjab India
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