वर्तमान समय में कर्ज यानी लोन लेना बुरा नहीं माना जाता। व्यक्ति अपने जीवन की दैनिक जरुरतों के लिए भी कई बार कर्ज ले लेता है लेकिन परेशानी तब शुरु होती है जब कर्ज चुकाने का समय आता है। कई बार कर्ज के रूप में लिए गए रुपयों से कई गुना धन चुकाने के बाद भी कर्ज पूरा नहीं हो पाता। अगर आपके साथ भी यही परेशानी है तो यह उपाय करें-
उपाय
भगवान शंकर सभी की मनोकामना पूर्ण करते हैं। कर्ज से मुक्ति के लिए प्रति मंगलवार को किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल(यथाशक्ति) चढ़ाएं साथ ही यह मंत्र भी बोलें- ऊँ ऋणमुक्तेश्वराय नम:। कम से कम 5 माला जप अवश्य करें। मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें। कुछ ही दिनों में कर्ज संबंधी आपकी समस्या का निराकरण हो जाएगा।
हमारे जीवन की हर एक समस्या का निवारण मात्र भगवान की प्रार्थना से ही संभव है। कर्मों के साथ ही भगवान की कृपा प्राप्त होने पर मुश्किल कार्य भी आसानी से पूर्ण हो जाता है। सुख-शांति बनी रहे इसके लिए सभी के घरों में भगवान का एक मंदिर अवश्य ही रहता है। घर के मंदिर में कौन से भगवान की कितनी प्रतिमाएं रखनी चाहिए? इस संबंध में शास्त्रों में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
सभी के घरों में भगवान के लिए भी यथाशक्ति अलग घर या मंदिर अवश्य होता है। मंदिर में अपने इष्ट देव की मूर्ति, तस्वीर, पूजा का अन्य सामान रखा जाता है। भगवान की मूर्तियों की संख्या के संबंध में ये विशेष बातें शास्त्रों में बताई गई हैं-
- घर के मंदिर में श्रीगणेश की 3 प्रतिमाएं नहीं होना चाहिए। गणपति की मूर्ति होना जरूरी है लेकिन इनकी मूर्तियों की संख्या 3 नहीं होना चाहिए। गणेशजी की मूर्तियों की संख्या 3 अशुभ मानी जाती है।
- मंदिर में दो शिवलिंग नहीं होना चाहिए तथा शिवलिंग अंगूठे के आकार का होना चाहिए। घर के मंदिर में एक ही शिवलिंग रखना श्रेष्ठ फल देता है। एक से अधिक शिवलिंग रखना शास्त्रों के अनुसार वर्जित है।
- किसी भी देवी या माताजी की 3 प्रतिमाएं नहीं रखें। इनकी संख्या भी 3 नहीं होना चाहिए।
जानिए: आज का पंचांग, किस दिशा में यात्रा करें? चोरी गई वस्तु कहां मिलेगी? आज कौन सा ग्रह, किस राशि में है?
23 नवंबर 2011: बुधवार, सूर्य दक्षिणायन, अगहन मास, कृष्ण पक्ष, शोभन नाम संवत्सर, संवत् 2068, शरद ऋतु।
तिथि - त्रयोदशी
नक्षत्र - चित्रा सुबह 6.58 से स्वाति
सूर्योदय - 05:55
सूर्यास्त - 07:10
अक्षांश - 23:11 उत्तर
देशांश - 75:43 पूर्व
ग्रह स्थिति - चंद्र तुला में, सूर्य वृश्चिक में, मंगल कर्क में, बुध कन्या में, गुरू मेष में, शुक्र धनु में, शनि तुला में, राहु वृश्चिक में और केतु वृष राशि में स्थित है।
किस दिशा में यात्रा - उत्तर दिशा, यदि आवश्यक हो तो मिश्री का सेवन करके यात्रा करें।
किस दिशा में चोरी - पूर्व दिशा में चोरी गई समझें, जल्द ही मिलेगी।
समय देखने का एकमात्र साधन केवल घडी ही है यदि घडी ही ख़राब हो जए तो समय देखना मुश्किल है ख़राब व बंद घड़िया हमारे बुरे भाग्य व खराब वकत की सूचक है अत जीतनी जल्दी हो इन खराब खाड़ियो से अपने भानात्मक मोह को त्याग कर या तो फेंक दें या फिर मरमत करके चालू करवा लें बंद पड़ी घड़िया घर में कदापि ना रखें