हिन्दू धर्म शास्त्रों में सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्यदेव माने गए हैं। सूर्यदेव भी ईश्वर के पांच अनादि, अनंत रूपों में एक है। सौर ग्रंथों में सूर्य को ही जगत का रचनाकार, पालनहार, और संहारक माना गया है। इसलिए सूर्य की उपासना रोग, भय, अपयश से रक्षा कर ज्ञान, सुख, स्वास्थ्य, पद, सफलता, प्रसिद्धि के साथ हर सांसारिक सुख को पूरा करने वाली वाली मानी गई है।
शास्त्रों में सूर्य पूजा से ऐसी ही इच्छाओं की पूर्ति के लिए रविवार और सप्तमी तिथि को बड़ा शुभ माना गया है। कल शनिवार को सप्तमी तिथि का योग बना है। शनिवार सूर्यपुत्र शनि उपासना से कष्ट निवारण का अचूक दिन माना गया है। हालांकि शास्त्रों में लिखा है कि पिता-पुत्र होते हुए भी शनि और सूर्य के बीच शत्रु भाव है।
यही कारण है कि आज एक ही दिन सूर्य-शनि की भक्ति न केवल मनचाही कामनाओं को पूरा करेगी, बल्कि पीड़ाओं से मुक्ति भी देगी। इसलिए यहां बताए जा रहे हैं सूर्य और शनि के आसान मंत्रों से पूजन-अर्चन करें -
- सूर्योदय से पहले जागकर स्नान करें। सूर्योदय होने पर सूर्य को अर्घ्य दें और नवग्रह मंदिर में जाकर सूर्य और शनि देव की नीचे बताई जा रही विशेष पूजा सामग्री और मंत्र से पूजन करें -
सूर्य पूजा - रक्त यानी लाल चन्दन, लाल या सफेद फूल, दूर्वा, अक्षत चढ़ाकर गुड़-गेंहू से बने बने पकवानों का भोग लगाएं और मंत्र स्मरण करें -
नम: सूर्याय नित्याय रवयेर्काय भानवे।
भास्कराय मतङ्गाय मार्तण्डाय विवस्वते।।
शनि पूजा - शनि पूजा में काला गंध, कालगहर के काले फूल, तिल, काला वस्त्र, तेल चढ़ाकर तिल के तेल से बने व्यजंन का भोग लगाएं और मंत्र स्मरण करें -
नमोस्तु प्रेतराजाय कृष्णदेहाय वै नम:।
शनैश्चराय क्रूराय शुद्धबुद्धिप्रदायिने।।
- पूजा, मंत्र स्मरण के बाद संकटनाश व भरपूर खुशियों की प्रार्थना भगवान सूर्य और शनि से करें। यह जन्मकुण्डली में शनि व सूर्य दोष को भी शांत करने का श्रेष्ठ उपाय है।
any body who will try to steal or miss use or blog will be dealt severly acording to law
jyotishachary Varinder Kumar JI
Shop No 74 New
Shopping Center Ghumar Mandi
Ludhiana Punjab India
Ludhiana Punjab India
01614656864
09915081311
email: sun_astro37@yahoo.com