शनि कर्म प्रधान देवता है। शनि उपासना कर्म और कर्तव्य के प्रति दृढ़ संकल्पित व प्रेरित करती है। शास्त्रों के मुताबिक शनि बुरे कर्म करने पर ही प्राणियों को अनेक तरह से दण्डित करते हैं, जो धार्मिक दृष्टि से शनि दशा, शनि की चाल या शनि की क्रूर दृष्टि के रूप में जानी जाती है।
माना जाता है कि सांसारिक जीवन में शनि का यह दण्ड शरीर, मन या आर्थिक परेशानियों के रूप में मिलता है। चूंकि हर प्राणी कर्म व कर्तव्यों से किसी न किसी रूप में जुड़ा होता है। इसलिए जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए पैदा हुई हित या स्वार्थ पूर्ति की भावना से जाने-अनजाने मन, विचार व कर्म दोषों का भागी बनता है। धर्म की दृष्टि से ऐसे दोषों का शमन प्रायश्चित व क्षमा द्वारा संभव है।
यही कारण है कि वर्ष के आखिरी दिन, सालभर किसी भी रूप में कर्म, विचार या व्यवहार से हुए बुरे कामों के लिए न्यायाधीश शनि का ध्यान कर उनसे विशेष मंत्र से क्षमा मांगना आने वाले साल में भी शनि कृपा से सारे रुके, बिगड़े या मनचाहे कामों को पूरा करने का बेहतर उपाय साबित होगा।
जानते हैं, साल के आखिरी दिन शनिवार के संयोग में शनि पूजा व क्षमा प्रार्थना का विशेष मंत्र -
- शनिवार को स्नान के बाद यथासंभव काले वस्त्र पहनकर शनि मंदिर में शनि देव का ध्यान कर प्रतिमा को पवित्र जल, तिल या सरसों का तेल, काला वस्त्र, अक्षत, फूल, नैवेद्य अर्पित करें। सरल शनि मंत्रों जैसे ॐ शं शनिश्चराय नम:, शनि चालीसा या शनि स्त्रोत का पाठ करें।
- मंत्र ध्यान व पूजा के बाद शनिदेव की आरती कर नीचे लिखे मंत्र से वर्ष भर जाने-अनजाने हुए बुरे कर्म व विचार के लिये क्षमा मांग आने वाले वक्त को सुखद व सफल बनाने की कामना करें -
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
Jyotishachary Varinder Kumar JI
Shop No 74 New
Shopping Center Ghumar Mandi
Ludhiana Punjab India
01614656864
09915081311,09872493627
email: sun_astro37@yahoo.com,sun.astro37@gmail.com
wwwsunastrocom.blogspot.com
http://www.sunastro.com/
http://www.facebook.com/profile.php?id=100000371678
सूर्य प्राण शक्ति देने वाले देवता हैं। हिन्दू धर्म के पंचदेवों सूर्य, शिव, शक्ति, श्री गणेश, विष्णु में सूर्य ही ऐसे देवता माने जाते हैं, जो हर दिन हर प्राणी और प्रकृति जगत की क्रियाओं और कार्य के साक्षी हैं।
रविवार को सूर्य पूजा का विशेष दिन होता है। धार्मिक मान्यताओं में सूर्य बल, यश, निरोगी जीवन के साथ सौंदर्य देने वाले देवता भी हैं। इस कारण शक्ति और स्वास्थ्य के लिए हर रोज भी सूर्य उपासना का महत्व बताया गया है। इस तरह जीवन में वास्तविक सुंदरता यानी चेहरे के साथ सुंदर मन पाने के लिए भी सूर्य उपासना शुभ मानी गई है, क्योंकि निरोगी तन, मन ही आत्मविश्वास बढ़ाकर कामयाबी तय करता है।
इस बार नए वर्ष का आगाज भी रविवार के साथ हो रहा है। इसलिए इस दिन व पूरे साल की हर सुबह उगते सूरज को शास्त्रों के विशेष मंत्र के साथ प्रणाम करना भाग्य के साथ भविष्य संवारने वाला साबित होगा। जानते हैं यह विशेष सूर्य मंत्र और सरल पूजा विधि -
- रविवार या हर रोज सुबह सूर्योदय के पहले जागकर स्नान करें। सफेद व स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- सूर्य के उदय होने पर पूर्व दिशा की ओर मुख कर गंगा जल से अर्घ्य दें।
- घर या किसी मंदिर में सूर्य की प्रतिमा की पंचोपचार पूजा करें।
- पूजा में खासतौर पर सूर्य को गंध या लाल चंदन, लाल रंग के फूल, अक्षत चढ़ाकर धूप और दीप जलाकर आरती करें।
- सूर्य अर्घ्य व सूर्य पूजा में इस सूर्य मंत्र का स्मरण करें -
नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्।
दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।
जय लोकप्रदीपाय जय भानो जगत्पते।
जय कालजयानन्त संवत्सर शुभानन।।
Jyotishachary Varinder Kumar JI
Shop No 74 New
Shopping Center Ghumar Mandi
Ludhiana Punjab India
01614656864
09915081311,09872493627
email: sun_astro37@yahoo.com,sun.astro37@gmail.com
wwwsunastrocom.blogspot.com
http://www.sunastro.com/
http://www.facebook.com/profile.php?id=100000371678