Thursday, March 10, 2011

पितृ दोष



 पितृ दोष भारतीय ज्योतिष की एक अति महत्त्वपूर्ण धारणा है तथा इस पर चर्चा किए बिना भारतीय ज्योतिष को अच्छी तरह से समझ पाना संभव नहीं है। वैसे तो भारतीय ज्योतिष में पाए जाने वाले अधिकतर योगों, दोषों एवम धारणाओं के बारे में तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हुईं हैं किन्तु पितृ दोष इन सब से आगे है क्यों कि पितृ दोष के बारे में तो पहली भ्रांति इसके नाम और परिभाषा से ही शुरू हो जाती है। पितृ दोष के बारे में अधिकतर ज्योतिषियों और पंडितों का यह मत है कि पितृ दोष पूर्वजों का श्राप होता है जिसके कारण इससे पीड़ित व्यक्ति जीवन भर तरह-तरह की समस्याओं और परेशानियों से जूझता रहता है तथा बहुत प्रयास करने पर भी उसे जीवन में सफलता नहीं मिलती। इसके निवारण के लिए पीड़ित व्यक्ति को पूर्वजों की पूजा करवाने के लिए कहा जाता है जिससे उसके पितृ उस पर प्रसन्न हो जाएं तथा उसकी परेशानियों को कम कर दें। यह सारी की सारी धारणा सिरे से ही गलत है क्योंकि


 पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति के पितृ उसे श्राप नहीं देते बल्कि ऐसे व्यक्ति के पितृ स्वयम ही शापित होते हैं जिसका कारण उनके द्वारा किए गए बुरे कर्म होते हैं जिनका भुगतान उनके वंश में पैदा होने वाले वंशजों को करना पड़ता है। जिस तरह संतान अपने पूर्वजों के गुण-दोष धारण करती है, अपने वंश के खून में चलने वाली अच्छाईयां और बीमारियां धारण करती है, अपने बाप-दादा से मिली संपत्ति तथा कर्ज धारण करती है, उसी तरह से उसे अपने पूर्वजों के द्वारा किए गए अच्छे एवम बुरे कर्मों के फलों को भी धारण करना पड़ता है। 

                                                   कुछ ज्योतिषि तथा पंडित इस दोष का कारण बताते हैं कि आपने अपने पूर्वजों का श्राद्ध-कर्म ठीक से नहीं किया जिसके कारण आपके पितृ आपसे नाराज़ हैं तथा इसी कारण आपकी कुंडली में पितृ दोष बन रहा है। यह मत सर्वथा गलत है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली उसके जन्म के समय ही निर्धारित हो जाती है तथा इसके साथ ही उसकी कुंडली में बनने वाले योग-दोष भी निर्धारित हो जाते हैं। इसके बाद कोई भी व्यक्ति अपने जीवन काल में अच्छे-बुरे जो भी काम करता है, उनके फलस्वरूप पैदा होने वाले योग-दोष उसकी इस जन्म की कुंडली में नहीं आते बल्कि उसके अगले जन्मों की कुंडलियों में आते हैं। तो चाहे कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों का श्राद्ध-कर्म ठीक तरह से करे न करे, उनसे पैदा होने वाले दोष उस व्यक्ति की इस जन्म की कुंडली में नहीं आ सकते। इसलिए जो पितृ दोष किसी व्यक्ति की इस जन्म की कुंडली में उपस्थित है उसका उस व्यक्ति के इस जन्म के कर्मों से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि वह पितृ दोष तो उस व्यक्ति को इस जन्म में अच्छे-बुरे कर्मों करने की स्वतंत्रता मिलने से पहले ही निर्धारित हो गया था। आईए अब पितृ दोष के मूल सिद्धांत को भारतीय मिथिहास की एक उदाहरण की सहायता से समझने का प्रयास करें।

                                               यह उदाहरण भारतवर्ष में सबसे पवित्र मानी जाने वाली तथा माता के समान पूजनीय नदी गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के साथ जुड़ी है। प्राचीन भारत में रघुकुल में सगर नाम के राजा हुए हैं जिन्होने पृथ्वी पर सबसे पहला सागर खुदवाया था तथा जो भगवान राम चन्द्र जी के पूर्वज थे। इन्ही राजा सगर के पुत्रों ने एक गलतफहमी के कारण तपस्या कर रहे कपिल मुनि पर आक्रमण कर दिया तथा कपिल मुनि के नेत्रों से निकली क्रोधाग्नि ने इन सब को भस्म कर दिया। राजा सगर को जब इस बात का पता चला तो वह समझ गए कि कपिल मुनि जैसे महात्मा पर आक्रमण करने के पाप कर्म का फल उनके वंश की आने वाली कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने तुरंत अपने पौत्र अंशुमन को मुनि के पास जाकर इस पाप कर्म का प्रायश्चित पूछने के लिए कहा जिससे उनके वंश से इस पाप कर्म का बोझ दूर हो जाए तथा उनके मृतक पुत्रों को भी सदगति प्राप्त हो। अंशुमन के प्रार्थना करने पर मुनि ने बताया कि इस पाप कर्म का प्रायश्चित करने के लिए उनके वंश के लोगों को भगवान ब्रह्मा जी की तपस्या करके स्वर्ग लोक की सबसे पवित्र नदी गंगा को पृथ्वी पर भेजने का वरदान मांगना होगा तथा गंगा के पृथ्वी लोक आने पर मृतक राजपुत्रों की अस्थियों को गंगा की पवित्र धारा में प्रवाह करना होगा। तभी जाकर उनके वंश से इस पाप कर्म का बोझ उतरेगा।

                                              मुनि के परामर्श अनुसार अंशुमन ने ब्रह्मा जी की तपस्या करनी आरंभ कर दी किन्तु उनकी जीवन भर की तपस्या से भी ब्रह्मा जी प्रसन्न होकर प्रकट नहीं हुए तो उन्होने मरने से पहले यह दायित्व अपने पुत्र दिलीप को सौंप दिया। राजा दिलीप भी जीवन भर ब्रह्मा जी की तपस्या करते रहे पर उन्हे भी ब्रह्मा जी के दर्शन प्राप्त नहीं हुए तो उन्होने यह दायित्व अपने पुत्र भागीरथ को सौंप दिया। राजा भागीरथ के तपस्या करने पर ब्रह्मा जी प्रस्न्न होकर प्रकट हुए तथा उन्होने भागीरथ को गंगा को पृथ्वी पर भेजने का वरदान दिया। वरदान देकर जब भगवान ब्रह्मा जी जाने लगे तो राजा भागीरथ ने उनसे एक सवाल पूछा जो कुछ इस तरह से था, “ हे भगवान ब्रह्मा जी, मेरे दादा महाराज अंशुमन तथा मेरे पिता महाराज दिलीप ने जीवन भर आपको प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया परंतु आपने उनमें से किसी को भी दर्शन नहीं दिए जबकि मेरी तपस्या तो उनसे कम थी परतु फिर भी आपने मुझे दर्शन और वरदान दिए। हे प्रभु क्या मेरे पूर्वजों की तपस्या में कोई कमी थी जो उनकी तपस्या व्यर्थ गई”। इसके उत्तर में भगवान ब्रह्मा जी ने कहा, “ राजन, तपस्या कभी भी व्यर्थ नहीं जाती। आपके पूर्वजों की तपस्या तो कपिल मुनि पर आक्रमण करने के पाप कर्म का भुगतान करने में चली गई और आपकी तपस्या के फलस्वरूप गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए आवश्यक पुण्य कर्म संचित हुए हैं। यदि आपके पूर्वजों ने तपस्या करके आपके कुल पर चढ़े हुए पाप कर्मों का भुगतान न किया होता तो आज आपको मेरे दर्शन और वरदान प्राप्त नहीं होते”। इस उदाहरण से सपष्ट हो जाता है कि राजा सगर के पुत्रों के पाप कर्म से उनके वंश पर जो पितृ ॠण चढ़ गया था, उसका भुगतान उनके वंश मे आने वाली पीढ़ियों को करना पड़ा। इस तरह



 पितृ दोष पूर्वजों के श्राप देने से नहीं बल्कि पूर्वजों के स्वयम शापित होने से बनता है और इसके निवारण के लिए आपको पूर्वजों की पूजा नहीं करनी है बल्कि पूर्वजों के उद्धार के लिए पूजा तथा अन्य अच्छे कर्म करने हैं।   

                                          पितृ दोष के बारे में इतनी चर्चा करने के बाद आइए अब विचार करें कि जन्म कुंडली में उपस्थित किन लक्षणों से कुंडली में पितृ दोष के होने का पता चलता है। नव-ग्रहों में सूर्य सपष्ट रूप से पूर्वजों के प्रतीक माने जाते हैं, इस लिए किसी कुंडली में सूर्य को बुरे ग्रहों के साथ स्थित होने से या बुरे ग्रहों की दृष्टि से अगर दोष लगता है तो यह दोष पितृ दोष कहलाता है। इसके अलावा कुंडली का नवम भाव पूर्वजों से संबंधित होता है, इस लिए यदि कुंडली के नवम भाव या इस भाव के स्वामी को कुंडली के बुरे ग्रहों से दोष लगता है तो यह दोष भी पितृ दोष कहलाता है। पितृ दोष प्रत्येक कुंडली में अलग-अलग तरह के नुकसान कर सकता है जिनका पता कुंडली का विस्तारपूर्वक अध्ययन करने के पश्चात ही चल सकता है। पितृ दोष के निवारण के लिए सबसे पहले कुंडली में उस ग्रह या उन ग्रहों की पहचान की जाती है जो कुंडली में पितृ दोष बना रहे हैं और उसके पश्चात उन ग्रहों के लिए उपाय किए जाते हैं जिससे पितृ दोष के बुरे असरों को कम किया जा सके। 





 Varinder Kumar
 ASTROLOGER
 Shop No 74 Ghumar Mandi
 Ludhiana Punjab India
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Gayatri Mantra

Good Morning FrindsThis Is Ur (Daily Horoscope March-11-2011





Aries Horoscope
today
March 11, 2011
This is not the right time for dealing with challenging activities, for you seem to be lacking practical sense.
Today you are advised not to take initiative at work or in business. You might prove not to be very inspired.

Taurus Horoscope
today
March 11, 2011
This morning you could be on a state of confusion and unable to make yourself understood. You are advised to try and sort out your ideas.
If you intend to buy a valuable item, don't try to surprise your loved one! On the contrary, you would better make a decision together.

Gemini Horoscope
today
March 11, 2011
Although you will feel in a very good shape, you might find out that you are not being very efficient. You seem not to be quite realistic today.
You are advised not to push things, for you might trigger hot arguments.

Cancer Horoscope
today
March 11, 2011
You might receive a significant sum of money from an older person in the family, and will start making future plans. Don't make any hasty decision today, for you seem to be lacking practical sense and may fail!
You are advised to seek for your loved one's opinion.

Leo Horoscope
today
March 11, 2011
In the morning you could be facing some difficulties at work because you will be unable to focus.
You are advised to ignore the gossips around you, for they could get you into fights.
You will recover your good mood in the afternoon. Chances are you will spend a romantic evening in the company of a person dear to you.

Virgo Horoscope
today
March 11, 2011
In the morning you could be on a state of confusion and in a rather bad mood. You are advised to avoid taking risks, for your chances to succeed are thin.
Seize any opportunity to relax, one way or another!
Spare yourself!

Libra Horoscope
today
March 11, 2011
You have great plans, especially in the financial department, but you cannot see any encouraging signs yet. Be patient and try to manage your time more efficiently!
You may want to consider the advice of an older lady in your circle.

Scorpio Horoscope
today
March 11, 2011
In the morning you will tend to be oversensitive and nothing will seem to please you. Try to get over it as quickly as possible, for it could affect your relationships!
You are advised to give up imposing your own views on your colleagues.
In the evening a close relative will bring you a piece of good news that will help you recover your good mood.

Sagittarius Horoscope
today
March 11, 2011
Today is not a good time for you to meet with friends or to deal in business. You will tend to be rather choosy and in no mood to talk.
Postpone shopping and investments! You are running the risk of making bad decisions.
As for your sentimental life, everything seemt to be in order. You are only advised to pay more attention to your loved one.

Capricorn Horoscope
today
March 11, 2011
Try not to take on too many responsibilities! Success is very unlikely for you today.
Fortunately, you will get support from where you least expect it.
In the evening you will pay a visit to friends and will have the opportunity to forget about your daily concerns.

Aquarius Horoscope
today
March 11, 2011
In the morning you could be on a state of confusion and have communication problems.
You cannot rely on intuition either, therefore you shoud take no chances.
You'd better not neglect your need for rest! You really need to recharge your batteries!

Pisces Horoscope
today
March 11, 2011
Today is not a favourable time for investments and for making future plans.
On the other hand, your sentimental relationship will bring you special satisfactions.
Avoid risky business today, for you could easily get in big trouble with the law.


Varinder Kumar
ASTROLOGER
Shop No 74 Ghumar Mandi
Ludhiana Punjab India
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email :sun_astro37@yahoo.com

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