Wednesday, September 21, 2011

ये है, देश मे हो रही उथल पुथल के खास कारण...


आज देश में जो उथल पुथल हो रही है उसे ज्योतिषीय नजरीये से देखा जाए तो वर्तमान की ग्रह स्थिती ही इसका कारण है। वर्तमान में हो रही ग्रहों की उथल-पुथल देश में आ रहे भारी बदलाव की जिम्मेदार है। कुछ ही दिनों में हुए ग्रहों के बदलाव से  भारत में कई तरह के सकारात्मक और नकारात्मक परिवर्तन आए हैं।

देश में लगातार हो रहे राजनितिक बदलाव, बुध के कारण हो रहे हैं वर्तमान में बुध सिंह राशि में है और अब 22 सितंबर को अपनी उच्च राशि में आ जाएगा। इससे देश की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अगस्त के आखरी सप्ताह में वक्री बुध के मार्गी होने से देश में स्थिति कुछ हद तक सुधर गई है। वर्तमान में गुरु मीन राशि में है ओर टेढ़ी चाल से देश में साम्प्रदायिक घटनाओं को प्रभावित कर रहा है। देश में व्यापारिक और आर्थिक स्थिति बुध के कारण ही प्रभावित होती है। शेयर और वायदा बाजार में उतार चढ़ाव बुध के प्रभाव से ही होता है।

कुछ दिनों पहले दिल्ली में हुए आतंकी बम ब्लास्ट होने का कारण शनि और मंगल की प्रतिकूल स्थिति ही है। देश में आतंकी घटनाएं हिंसाए मंगल के कारण होती है। मंगल की वक्री स्थिति और अशुभ स्थिति से ही देश में आतंकी घटनाएं, हिंसा, रक्तपात और बम ब्लास्ट जैसी घटनाएं होती है। इसी सप्ताह देश में आई प्राकृतिक आपदा भूकंप और अन्य तरह की घटनाएं शनि के कारण हो रही है। शनि और सूर्य की स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि 17 अक्टूबर तक किसी अन्य तरह की हानी भी हो सकती है। शनि के कारण देश में किसी बड़ी हस्ती का निधन होता है। वायुयान दुर्घटनाएं और समुद्री तुफान भी शनि के प्रभाव से होते है।



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ये कारण भी कुछ खास है मिसकरेज और बेबी न होने का...


हर महिला मां बनने का सुख चाहती है। लेकिन कुछ महिलाओं की ये इच्छा पूरी नहीं हो पाती है और वे दुनिया के सबसे खुबसुरत सुख से वंचित रह जाती हैं। इसके कई शारिरीक कारण होते है लेकिन इस समस्या को ज्योतिषीय नजरीये से देखा जाए तो इसके कई कारण सामने आते हैं। जानें क्या है ज्योतिषीय कारण...



-अगर किसी स्त्री की कुंडली के पांचवे घर में राहु होता है तो उसको पहली संतान बड़ी मुश्किल से जन्म लेती है । कभी कभी गर्भपात के भी योग बनते है। राहु अगर वृश्चिक राशि में होता है तो संतान योग नहीं होता है।

- इसी तरह अगर केतु पांचवें घर में होता है तो भी पुत्र प्राप्ति में परेशानि होती है। क्योंकि राहु की दृष्टि पांचवे घर पर पड़ती है इसलिए पहली संतान के समय मिसकरेज यानि गर्भपात के होने के योग बनते हैं और संतान सुख नही मिल पाता है।

-  कुंडली के पांचवें घर में जो नंबर हो यानी जो राशि हो उसका स्वामी ग्रह पाप ग्रहों के साथ हो या पाप ग्रहों से पिडि़त हो तो ऐसी स्त्री को भी संतान सुख नही मिल पाता है।

- संतान न होना या इस सुख में कमी होने का एक कारण कालसर्प दोष और अंगारक योग का होना होता है। इन दोष के ही कारण दांपत्य सुख में भी कमी आती है। 

- किसी स्त्री की कुंडली के पहले भाव में 3 नंबर हो यानी मिथुन लग्र हो और शनि कुंडली के ग्यारहवें भाव में होता है तो संतान प्राप्ति में परेशानि होती है।

- किसी स्त्री की कुंडली के सातवें घर में मंगल-शनि होते है तो संतान योग बनने की संभावना और कम हो जाती है।


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पैसा ही पैसा बरसेगा उस घर में जहां हो ऐसा



घर में पैसा और बरकत के लिए न्यूमरोलॉजी और वास्तु का अनोखा कनेकशन होना जरूरी होता है।  ऐसे घर का वास्तु न्यूमरोलॉजी के अनुसार यानी आपकी डेट ऑफ बर्थ के अनुसार होना चाहिए। ऐसे कनेक्शन के लिए अपनी बर्थ डेट को जोड़ें और जो अंक आए उसके अनुसार अपने घर का या कमरे का वास्तु रखें ऐसा करने से लक्ष्मी उस घर से कहीं नहीं जाएगी।

अंक 1- अंक 1 वाले अपने घर का वास्तु दोष मिटाने के लिए घर के शयनकक्ष में इन रंगों से सम्बंधित परदों का इस्तेमाल करें इनसे मानसिक तनाव तो दूर होगा ही साथ ही बरकत बनी रहेगी।

अंक- 2- इस अंक वालों को अपने कमरे में गहरे हरे से लेकर सभी प्रकार के क्रीम, पीला, लाल, सफेद रंग के परदों का उपयोग करें। इस तरह के परदें अचनक धन लाभ ेदेने वाले होंगे।

अंक- 3 इस अंक वालों का स्वामी गुरु होता है इसलिए इस अंक वालों को बरकत और पैसों के लिए  पीला, केसरिया, या गुलाबी रंग अपने कमरे के परदों के लिए चुनना चाहिए।

अंक- 4  इस अंक का स्वामी राहु होता है राहु के अशुभ प्रभाव और वास्तु दोष दूर करने के लिए धूमिल, नीले या स्लेटी रंग के  परदें अंक 4 वालों के लिए शुभ फल देने वाले होते है।

अंक- 5- यह बुध का अंक होता है। इस अंक वालों को अपने घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए हरे, हल्के स्लेटी, सफेद या हल्के खाकी रंग के परदों का उपयोग करना चाहिए। इससे अंक 5 वालों के घर में बरकत बनी रहती है।

अंक- 6 - इस अंक वालों को शुक्र के कारण होने वाले वास्तु दोष मिटाने के लिए गुलाबी, चॉकलेटी, हल्के नीले, गहरा नीले रंग के परदों का उपयोग करना चाहिए। इससे घर की लक्ष्मी कहीं नहीं जाएगी।

अंक- 7- अपने घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए इस अंक वालों को अपने अंंक के स्वामी के अनुसार सफेद, हल्के लाल, हल्के  पीले रंग के परदों का उपयोग करना चाहिए।

अंक- 8- अंक आठ शनि का अंक होता है इसलिए इस अंक वालों को वास्तु दोष मिटाने के लिए नीले, भूरे, बैंगनी, पीले या काले, रंग के परदों का उपयोग वास्तु दोष मिटाने के लिए करना चाहिए।

अंक- 9  लाल और गुलाबी रंग के परदें इस अंक वालों के घर का वास्तु दोष दूर करेंगे। इस अंक वालों का वास्तु दोष दूर होते ही धन लाभ के योग बनने लगते है।
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