सभी के जीवन में कई बार कुछ न कुछ नई परेशानी अवश्य ही उत्पन्न हो जाती है जिसकी वजह से बहुत से कार्य अटक जाते हैं। इसके अलावा घर-परिवार में क्लेश, मानसिक तनाव रहता है। सामान्यत: इस प्रकार की सभी परेशानियों की वजह पैसा ही होता है। यदि आपके पास पर्याप्त धन नहीं है तो कई तरह की समस्याएं आपकों घेर लेंगी। ज्योतिष के अनुसार इस प्रकार की परेशानियां विभिन्न ग्रहों की अलग-अलग अशुभ स्थिति के कारण उत्पन्न होती हैं।
यदि आपके कार्य पूरे नही होते, आपको किए गए कार्यों का सकारात्मक परिणाम नही मिलता तो समझ लीजिए आप अपनी राशि से संबंधित ग्रह से परेशान है। अपनी राशि से संबंधित ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए एवं ग्रह को बलवान बनाने के लिए कुछ आसान उपाय अपना सकते है।
रत्न पहन कर- राशि ग्रह के अशुभ प्रभाव को शुभ बनाने के लिए आप अपनी जन्म कुंडली के अनुसार उस ग्रह से संबंधित रत्न पहनें जो अशुभ प्रभाव दे रहा है। रत्न को ग्रह से संबंधित धातु में जड़वा कर अंगूठी, पेन्डेन्ट व ब्रेस्लेट में पहन सकते है। उस रत्न के माध्यम से किरणे शरीर में प्रवेश करके ग्रह को शक्ति प्रदान करती हैं।
जप- किसी भी ग्रह की दुर्बलता को दूर करने के लिए उस ग्रह से सम्बन्धित मन्त्र का जप निश्चित संख्या में करने से उस ग्रह को शक्ति प्राप्त होती है। जप करने से रत्न को भी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
यज्ञ- वैदिक विधि के द्वारा ग्रह से सम्बन्धित मन्त्र का अनुष्ठान (हवन-यज्ञ) करने से अशुभ ग्रह भी बलवान होकर शुभ फल देने लग जाता है।
दान- ग्रह विशेष से संबंधित वस्तुओ को दान करने से अशुभ ग्रह के देवता प्रसन्न होकर अच्छा फल देते है।
यन्त्र- जन्मकुण्डली में जो ग्रह कमजोर होता है उससे संबंधित मन्त्र को विशेष मुहूर्त या उस ग्रह की होरा में भोजपत्र पर लिखें या किसी धातु (सोना, चाँदी, ताँबा) इत्यादि पर खुदवाकर सिद्ध कर लें. इस प्रकार सिद्ध किये हुए यन्त्र का नित्य प्रति पूजन करने से भी सम्बन्धित ग्रह में शक्ति का संचार होता है।
व्रत - जो ग्रह कमजोर होता है उससे संबंधित वार को व्रत रखने से व्यक्ति को उस ग्रह का शुभ फल प्राप्त होता है।
यदि आपके कार्य पूरे नही होते, आपको किए गए कार्यों का सकारात्मक परिणाम नही मिलता तो समझ लीजिए आप अपनी राशि से संबंधित ग्रह से परेशान है। अपनी राशि से संबंधित ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए एवं ग्रह को बलवान बनाने के लिए कुछ आसान उपाय अपना सकते है।
रत्न पहन कर- राशि ग्रह के अशुभ प्रभाव को शुभ बनाने के लिए आप अपनी जन्म कुंडली के अनुसार उस ग्रह से संबंधित रत्न पहनें जो अशुभ प्रभाव दे रहा है। रत्न को ग्रह से संबंधित धातु में जड़वा कर अंगूठी, पेन्डेन्ट व ब्रेस्लेट में पहन सकते है। उस रत्न के माध्यम से किरणे शरीर में प्रवेश करके ग्रह को शक्ति प्रदान करती हैं।
जप- किसी भी ग्रह की दुर्बलता को दूर करने के लिए उस ग्रह से सम्बन्धित मन्त्र का जप निश्चित संख्या में करने से उस ग्रह को शक्ति प्राप्त होती है। जप करने से रत्न को भी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
यज्ञ- वैदिक विधि के द्वारा ग्रह से सम्बन्धित मन्त्र का अनुष्ठान (हवन-यज्ञ) करने से अशुभ ग्रह भी बलवान होकर शुभ फल देने लग जाता है।
दान- ग्रह विशेष से संबंधित वस्तुओ को दान करने से अशुभ ग्रह के देवता प्रसन्न होकर अच्छा फल देते है।
यन्त्र- जन्मकुण्डली में जो ग्रह कमजोर होता है उससे संबंधित मन्त्र को विशेष मुहूर्त या उस ग्रह की होरा में भोजपत्र पर लिखें या किसी धातु (सोना, चाँदी, ताँबा) इत्यादि पर खुदवाकर सिद्ध कर लें. इस प्रकार सिद्ध किये हुए यन्त्र का नित्य प्रति पूजन करने से भी सम्बन्धित ग्रह में शक्ति का संचार होता है।
व्रत - जो ग्रह कमजोर होता है उससे संबंधित वार को व्रत रखने से व्यक्ति को उस ग्रह का शुभ फल प्राप्त होता है।
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