Sunday, June 3, 2012

पति-पत्नी में बढ़ते तनाव का कारण कहीं ये तो नहीं...



पति-पत्नी में बढ़ते तनाव का कारण कहीं ये तो नहीं...


वास्तु शास्त्र में घर में रखी जाने वाली हर वस्तु का जिक्र किया गया है। कौन सी वस्तु कहां पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और कहां नकारात्मक, इन बातों का भी वास्तु में विशेष ध्यान रखा जाता है। वास्तु शास्त्र में घर में आईना कहां रखा जाना चाहिए यह भी बताया गया है।


वास्तु के अनुसार दर्पण में से एक प्रकार की ऊर्जा बाहर निकलती है। यह ऊर्जा कितनी अच्छी या कितनी बुरी हो सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दर्पण किस स्थान पर लगा हुआ।

यहां नहीं लगाएं आईना

वास्तु के अनुसार शयन कक्ष में आईना लगाना वर्जित है। पलंग के सामने आईना बिल्कुल नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे पति-पत्नी के वैवाहिक सम्बन्धों में भारी तनाव पैदा होता है। इसके कारण पति-पत्नी के अच्छे- भले सम्बन्धों के बीच किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश भी हो सकता है।


ऐसे बचे आईने के बुरे प्रभावों से

आईना का नकारात्मक प्रभाव कम करने के लिए उन्हें ढक कर रखना चाहिए अथवा इसे अलमारियों के अन्दर की ओर लगवाने चाहिए। पलंग पर सो रहे पति-पत्नी को प्रतिबिंबित करने वाला आईना तलाक तक का कारण बन सकता है। इसलिए रात्रि के समय आईना आंखों के सामने नहीं होना चाहिए। छत में भी आईने नहीं लगे होने चाहिए।


 Astrologer Varinder Kumar
09915081311
09872493627

वास्तु टिप्स: ऐसा हो स्टडी रूम तो बच्चों पर होगा पॉजीटिव असर


स्टडी रूम का जीवन में काफी महत्व है। स्टडी रूम की दिशा, द्वार, उसकी सजावट आदि यदि वास्तुनुरूप हो तो छात्र मन लगाकर अध्ययन करता है। इसका सकारात्मक प्रभाव छात्र के जीवन पर भी पड़ता है। स्टडी रूम बनवाते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

1- उत्तर-पूर्व व ईशान कोण सदैव ज्ञानवद्र्धक दिशाएं होती हैं। स्टडी रूम ईशान कोण में बनाएं या पश्चिम या वायव्य कोण में भी बना सकते हैं लेकिन इनको बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसका मुख या मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व या ईशान कोण में ही हो।

2- स्टडी रूम में विद्या की देवी सरस्वती और ईष्टदेव का चित्र अवश्य लगाएं। चित्रों में प्रेरक महापुरुषों के भी चित्र लगाना उत्तम है।

3- स्टडी रूम में पुस्तकें सदैव नैऋत्य दिशा में बुक सेल्फ में रखें।

4- स्टडी टेबल के समीप या सामने दर्पण कदापि न लगाएं।

5- यदि नैऋत्य दिशा में पुस्तकें नहीं रख सकतें हैं तो दक्षिण या पश्चिम दिशा में बुक सेल्फ में रखें।

6- सदैव उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा की ओर मुख करके पढऩा चाहिए।
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