आवश्यकताओं और सुविधाओं के बढऩे के साथ-साथ हम चाहे जितना पैसा कमा ले, कम ही है। धन की बढ़ती जरूरत के लिए अतिरिक्त कार्य करना होता है। फिर भी आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में मेहनत के साथ-साथ धन की देवी लक्ष्मी की उपासना भी जाए तो व्यक्ति सभी ऐश्वर्य और सुख-शांति प्राप्त करता है। 6 मई 2011 को एक विशेष मुहूर्त बन रहा है अक्षय तृतीया। शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया सभी पुण्य कर्मों का अक्षय पुण्य देने वाला दिन है।
अक्षय तृतीय के दिन जो भी शुभ कर्म किए जाते हैं उसका अच्छा फल हमेशा प्राप्त होता है। साथ ही यह दिन धन की देवी महालक्ष्मी की विशेष कृपा भी दिलाता है। यह स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। अक्षय तृतीया के लिए यहां एक प्रयोग दिया जा रहा है जिसे अपनाने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने की पूरी संभावनाएं बनती हैं-
प्रयोग की विधि:
- अक्षय तृतीया या अन्य किसी भी शुभ दिन, शुभ मुहूर्त में इस प्रयोग को करें।
- स्नानादि से निवृत्त होकर साफ और पवित्र स्थान पर आसन बिछा लें और महालक्ष्मी का चित्र को अपने सामने स्थापित करें।
- महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के पश्चात निम्न मंत्र का (11 मालाएं) जप करें:
मंत्र: ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं दारिद्रय विनाशके जगत्प्रस्त्यै नम:।।
- माला कमल के गट्टे की होनी आवश्यक है।
- इस दिन के पश्चात नित्य अपनी इच्छानुसार मंत्र का जप करें।
- 12 लाख मंत्र जप के पश्चात महालक्ष्मी सिद्ध हो जाती हैं और उपासक को अपार धन, समृद्धि, वैभव, यश, सुख और शांति प्राप्त हो जाती है। इस प्रयोग की सफल शुरूआत के कुछ ही दिनों में व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होना शुरू हो जाती है।
- प्रयोग पूरी श्रद्धा और भक्ति से करें। यह प्रयोग अचूक है। मन में कोई संदेह ना लाएं। साथ ही किसी भी प्रकार के अधार्मिक कृत्य से बचें। प्रतिदिन नियम से इस मंत्र का जप करें। अन्यथा उपाय का प्रभाव निष्फल हो जाएगा !
अक्षय तृतीय के दिन जो भी शुभ कर्म किए जाते हैं उसका अच्छा फल हमेशा प्राप्त होता है। साथ ही यह दिन धन की देवी महालक्ष्मी की विशेष कृपा भी दिलाता है। यह स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। अक्षय तृतीया के लिए यहां एक प्रयोग दिया जा रहा है जिसे अपनाने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने की पूरी संभावनाएं बनती हैं-
प्रयोग की विधि:
- अक्षय तृतीया या अन्य किसी भी शुभ दिन, शुभ मुहूर्त में इस प्रयोग को करें।
- स्नानादि से निवृत्त होकर साफ और पवित्र स्थान पर आसन बिछा लें और महालक्ष्मी का चित्र को अपने सामने स्थापित करें।
- महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के पश्चात निम्न मंत्र का (11 मालाएं) जप करें:
मंत्र: ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं दारिद्रय विनाशके जगत्प्रस्त्यै नम:।।
- माला कमल के गट्टे की होनी आवश्यक है।
- इस दिन के पश्चात नित्य अपनी इच्छानुसार मंत्र का जप करें।
- 12 लाख मंत्र जप के पश्चात महालक्ष्मी सिद्ध हो जाती हैं और उपासक को अपार धन, समृद्धि, वैभव, यश, सुख और शांति प्राप्त हो जाती है। इस प्रयोग की सफल शुरूआत के कुछ ही दिनों में व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होना शुरू हो जाती है।
- प्रयोग पूरी श्रद्धा और भक्ति से करें। यह प्रयोग अचूक है। मन में कोई संदेह ना लाएं। साथ ही किसी भी प्रकार के अधार्मिक कृत्य से बचें। प्रतिदिन नियम से इस मंत्र का जप करें। अन्यथा उपाय का प्रभाव निष्फल हो जाएगा !
Varinder Kumar
ASTROLOGER
Shop No 74 Ghumar Mandi
Ludhiana Punjab India
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09915081311
email :sun_astro37@yahoo.com
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