आज हर कोई चाहता है कि उसके पास खुद का घर, बंगला या भूमि-सम्पत्ति हो लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो कड़ी मेहनत के बाद भी घर नहीं बना पाते जबकि कुछ लोगों को बिना कोशिश किए ही घर, बंगला, भूमि, सम्पत्ति आदि सब कुछ मिल जाता हैं। ज्योतिष की सहायता से आप जान सकते हैं कि आपकी किस्मत में घर, बंगला या प्रॉपर्टी का योग है या नही।
कैसे बनता है ऐसा योग-
- जन्म कुण्डली के चौथे भाव में जो राशि है उसका स्वामी यानी(चतुर्थेश) किसी शुभ ग्रह यानि गुरु, चंद्र या शुक्र के साथ कुंडली के पहले भाव में हो तो ऐसे व्यक्ति को अपनी मेहनत से निर्मित भवन प्राप्त होता है।
- जन्म कुण्डली के चौथे भाव में स्थित राशि का स्वामी और कुंडली के पहले भाव में स्थित राशि का स्वामी ग्रह, दोनों चौथे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति अचानक बहुत बड़ी भूमि का स्वामी बन जाता है।
- जन्म कुंडली में चौथे भाव में स्थित राशि यानि जो नंबर लिखा है उस राशि का स्वामी ग्रह कुंडली के चौथे भाव, सातवें भाव या दसवें भाव में होता है तो ऐसे व्यक्ति के पास बहुत प्रॉपर्टी होती है।
- जन्म कुण्डली के तीसरे घर में स्थित राशि का स्वामी या मंगल चौथे भाव में स्थित राशि के स्वामी के साथ हो तो ऐसे व्यक्ति को भाई से बड़ी प्रॉपर्टी या भवन मिलता है।
- अगर जन्म कुण्डली में शुक्र चौथे भाव में हो और चौथे भाव में स्थित राशि का स्वामी सातवें भाव में स्थित हो साथ ही अगर दोनों ग्रह मित्र हों तो ऐसे जातक को अपनी स्त्री के द्वारा प्रॉपर्टी मिलती है।
- जन्म कुण्डली के चौथे भाव की राशि का स्वामी और दसवें भाव में स्थित राशि का स्वामी ग्रह, शनि, मंगल के साथ हो तो ऐसे व्यक्ति के पास कई बंगले होते हैं।
- कुंडली के पहले और सातवें भाव में स्थित राशि का स्वामी पहले (लग्न) भाव में हो तथा चौथे भाव को चंद्र, गुरु या शुक्र में से कोई ग्रह देख रहा हो तो ऐसे व्यक्ति को बिना किसी कोशिश के भूमि-सम्पत्ति मिलती है।
Varinder Kumar
ASTROLOGER
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