Monday, May 2, 2011

"मंगलवार और अमावस्या" अब क्या असर पड़ेगा देश पर?



ज्योतिष में मंगल को पाप ग्रह माना गया है। मंगल की प्रकृति क्रूर होती है। वहीं अमावस्या को चंद्रमा पूरी तरह अस्त हो जाता है और उस दिन शुभ काम नही होने से अमावस्या को भी अशुभ तिथि माना गया है। इस तिथि पर मंगलवार का संयोग होने से इस संयोग यानि "भौमावस्या" को अशुभ फल देन वाला माना गया है। जिस महीने में भौमावस्या का योग बनता है उस महीने उत्पात के योग बनते है। देश दुनिया में कुछ हलचलें होने लगती है। जनता, शासन से असंतुष्ट रहने लगती है।

भारत सरकार को पूर्वी देशों से लाभ होगा। पूराने मुद्दों को लेकर पड़ोसी देशों से बातचित होगी। मूल्यवान धातुओं में वृद्धि होगी। सत्ताधिकारों में मतभेद होने के योग बन रहे हैं। मंगलवार और अमावस्या का योग होने से महत्वपूर्ण विषयों पर जनता में मानसिक परिवर्तन होने के योग बन रहे हैं। पड़ौसी देशों में अशांति और आंतरिक हिंसा की घटनाएं बढऩे के योग बन रहे हैं। साथ ही हिंसक गतिविधीयां जैसे आतंकवादी गतिविधियों में भी वृद्धि हो सकती है।

युद्ध और सेना का कारक ग्रह होने के कारण सिमा रेखा पर हलचल होने के योग बनेंगे। पाप ग्रह मंगल के प्रभाव से इस महीने धूल भरी आंधी और रोग होने के योग बन रहे है। मंगलवार को अमावस्या का योग होने से अग्रि का कारक ग्रह होने के कारण मंगल अग्रिकांड का भय रहेगा। सड़क और रेल दुर्घटनाएं होगी।

भौमावस्या वाले इस महीने में मंगल मीन राशि में गुरु, बुध और शुक्र के साथ रहेगा। मंगल की यह स्थिति धर्म के क्षेत्र में कोई बड़ी हलचल पैदा कर सकती है।

 इन ग्रहों के योग से मई में भारत में कुछ स्थानों पर हड़ताल और बड़ी दुर्घटनाएं होने की पूरी संभावनाएं बन रही हैं। देश के कई प्रदेशों जैसे मप्र, उप्र, राजस्थान आदि प्रदेशों में धुल भरी आंधियां और तूफान आने के योग बन रहे हैं।




Varinder Kumar
ASTROLOGER
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