Wednesday, June 22, 2011

गुरुवार को ऐसी गुरु पूजा व मंत्र से बने भाग्यशाली और धनवान



जब ज्ञान को भाग्य का साथ मिल जाए तो फिर किसी सुख, ऐश्वर्य और वैभव की कमी नहीं रह जाती है। ज्ञान बढ़ाने के लिये बुद्धि और परिश्रम अहम होते हैं। धार्मिक दृष्टि से देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान, बुद्धि, सौभाग्य, दाम्पत्य सुख देने वाली ही मानी गई है।

गुरु बृहस्पति की उपासना के लिये गुरुवार का दिन बहुत ही शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक भी गुरु ग्रह शुभ ग्रह होता है। जिसके अच्छे प्रभाव से व्यक्ति वैवाहिक सुख, धनलाभ और संतान सुख पाता है। किंतु इसके विपरीत गुरु दोष या बुरे प्रभाव से संतान पीड़ा, असफलता या अनिष्ठ का सामना करना पड़ता है।

अगर आप भी धन और सौभाग्य की कामना करते हैं तो नीचे बताई सरल विधि से गुरु उपासना करें -

- प्रात: स्नान कर नवग्रह मंदिर में गुरु बृहस्पति की प्रतिमा को यथासंभव केसर के दूध या गंगाजल से स्नान कराएं।

- देवगुरु की केसरिया गंध, अक्षत, पीली पूजा सामग्री, जिनमें पीले फूल, पीला वस्त्र, नैवेद्य में पीले पकवान शामिल हों, अर्पित करें।

- देवगुरु की पूजा के बाद नीचे लिखें गुरु मंत्र का यथाशक्ति स्मरण करें -

पीताम्बर: पीतवपु: किरीटी चतुर्भुजो देवगुरु प्रशान्त:।

यथाक्षसूत्रं च कमण्डलुञ्च दण्ड च विभ्रद्वरदोस्तु।। 

- पूजा व मंत्र जप के बाद पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल दान करें, सक्षम होने पर सोने के दान का भी विधान है।

- गुरु बृहस्पति की धूप व घी के दीप से आरती कर मनोवांछित इच्छाओं को पूरा करने की कामना करें। इस दिन व्रत रखना भी शुभ फल देता है।




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