ज्योतिष के अनुसार हस्तरेखा भविष्य जानने की सटीक विद्या है। इसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान तुरंत ही मालुम किए जा सकते हैं। साथ ही हाथों की बनावट से व्यक्ति का स्वभाव और उसके विचारों को भी जाना जा सकता है।
हस्तरेखा के अध्ययन में हाथ की छोटी-छोटी बातों का भी गहरा महत्व है। जैसे अंगुलियों की बनावट कैसी है? इस बात से किसी भी व्यक्ति के स्वभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है। जानिए क्या कहती हैं आपकी अंगुलियां-
तर्जनी अंगुली- इंग्लिश में इसे इंडेक्स फिंगर कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार इस अंगुली के नीचे के भाग को गुरु पर्वत कहते हैं इसी वजह से इसे गुरु की अंगुली भी कहते हैं। इससे व्यक्ति की नेतृत्व क्षमता, महत्वाकांक्षा आदि पर विचार किया जाता है।
मध्यमा अंगुली- यह शनि की अंगुली कही जाती है। इसका इंग्लिश नाम मिडिल फिंगर है। यह अंगुली नुकीली हो तो व्यक्ति आलसी स्वभाव का होता है। इस अंगुली का सबसे ऊपर का भाग चमकदार हो तो व्यक्ति अच्छा वक्ता, प्रभावशाली होता है।
अनामिका अंगुली- यह अंगुली सूर्य की अंगुली कहलाती है। इंग्लिश में इसे रिंग फिंगर भी कहते हैं। यह अंगुली मध्यमा अंगुली से बड़ी हो तो व्यक्ति जोखिम उठाने वाला होता है। अनामिका और तर्जनी बराबर हो तो व्यक्ति में मान-सम्मान और धन कमाने की तीव्र इच्छा होती है।
कनिष्ठिका या लिटिल फिंगर- कनिष्ठिका अंगुली को बुध की अंगुली कहा जाता है। इस अंगुली की अच्छी-बुरी अवस्था से व्यक्ति की बुद्धि और कला आदि पर विचार किया जाता है।
हस्तरेखा के अध्ययन में हाथ की छोटी-छोटी बातों का भी गहरा महत्व है। जैसे अंगुलियों की बनावट कैसी है? इस बात से किसी भी व्यक्ति के स्वभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है। जानिए क्या कहती हैं आपकी अंगुलियां-
तर्जनी अंगुली- इंग्लिश में इसे इंडेक्स फिंगर कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार इस अंगुली के नीचे के भाग को गुरु पर्वत कहते हैं इसी वजह से इसे गुरु की अंगुली भी कहते हैं। इससे व्यक्ति की नेतृत्व क्षमता, महत्वाकांक्षा आदि पर विचार किया जाता है।
मध्यमा अंगुली- यह शनि की अंगुली कही जाती है। इसका इंग्लिश नाम मिडिल फिंगर है। यह अंगुली नुकीली हो तो व्यक्ति आलसी स्वभाव का होता है। इस अंगुली का सबसे ऊपर का भाग चमकदार हो तो व्यक्ति अच्छा वक्ता, प्रभावशाली होता है।
अनामिका अंगुली- यह अंगुली सूर्य की अंगुली कहलाती है। इंग्लिश में इसे रिंग फिंगर भी कहते हैं। यह अंगुली मध्यमा अंगुली से बड़ी हो तो व्यक्ति जोखिम उठाने वाला होता है। अनामिका और तर्जनी बराबर हो तो व्यक्ति में मान-सम्मान और धन कमाने की तीव्र इच्छा होती है।
कनिष्ठिका या लिटिल फिंगर- कनिष्ठिका अंगुली को बुध की अंगुली कहा जाता है। इस अंगुली की अच्छी-बुरी अवस्था से व्यक्ति की बुद्धि और कला आदि पर विचार किया जाता है।
Jyotishachary Varinder Kumar JI
Shop No 74 New
Shopping Center Ghumar Mandi
Ludhiana Punjab India
Ludhiana Punjab India
01614656864
09915081311
email: sun_astro37@yahoo.com
No comments:
Post a Comment