Thursday, December 8, 2011

गर्भवती स्त्री को नहीं देखना चाहिए ग्रहण, क्योंकि...



शनिवार, 10 दिसंबर 2011 को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण काल के संबंध में कई कार्यों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। इन्हीं वर्जित कार्यों में से एक है गर्भवती स्त्रियों द्वारा ग्रहण को देखना

विद्वानों और विज्ञान के अनुसार किसी भी गर्भवती स्त्री को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। ग्रहण काल के दौरान चंद्र से निकलने वाली किरणें हम पर बुरा ही प्रभाव भी डालती हैं। इन किरणों से बचना सभी के लिए जरूरी है, खासकर गर्भवती स्त्रियों के लिए। ऐसा माना जाता है यह किरणें गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बहुत अधिक खतरनाक हो सकती हैं।
लुधियाना के ज्योतिषाचार्य Varinder Kumar JI  के अनुसार  इस काल में बुरी शक्तियां अत्यधिक बलशाली हो जाती है। यहां बुरी शक्तियां से आशय बुरी आत्माओं से है। यह शक्तियां गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए तथा गर्भवती स्त्रियों के लिए भी अशुभ है। स्त्रियों के बाहर निकलने पर यह बुरी आत्माएं उन पर प्रभाव डालने का प्रयास करती हैं। जो कि काफी खतरनाक होता है। इसी वजह से गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण काल के दौरान घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है जो कि कमजोर लोगों पर बुरा प्रभाव डालती है। गर्भवस्था के दौरान स्त्री का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। ऐसे में स्त्रियों इन बुरे प्रभावों से बचने के लिए घर में ही रहना जरूरी है। यदि ग्रहण के दौरान बाहर निकलना भी पड़े तो ध्यान रखें कि किसी भी परिस्थिति में सूर्य को न देखें और पूरी सावधानी रखना चाहिए।
 
 
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