रुद्र अवतार श्री हनुमान इसी बात के भी
आदर्श है कि जब-जब संकट आया, उन्होनें तुरंत सक्रियता दिखाई और सही निर्णय
लिये। चाहे वह सीता की खोज हो, लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा करने की बात
हो या राम-लक्ष्मण को अहिरावण से छुड़ाना।
हनुमान चरित्र की खूबी यह इशारा भी करती है कि इंसान में बल हो, बुद्धि भी हो, किंतु विवेक की कमी से निर्णय क्षमता कमजोर हो तो वक्त आने पर सही-गलत का फैसला न कर पाने और सक्रिय न होने से सारी शक्ति और ज्ञान बेकार हो जाता है और सफलता दूर रह जाती है।
श्री हनुमान की उपासना बल, बुद्धि और विद्या देने वाली ही मानी गई है। जोश, उत्साह और ऊर्जा बनाने रख सफलता की सीढिय़ां चढ़ते जाना है तो मंगलवार व हर माह की पूर्णिमा तिथि, जो हनुमान जन्म तिथि भी मानी गई है, पर श्री हनुमान उपासना के लिये बहुत ही मंगलकारी माना गया है।
इसी कड़ी में कल खासतौर पर उमंग और रंग भरे त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा पर यहां बताए जा रहे हैं, मात्र 2 हनुमान मंत्र से हनुमान पूजा जीवन सफलता के रंगों से भिगोने में बहुत ही असरदार मानी गई है।
- स्नान के बाद श्री हनुमान की मूर्ति या प्रतिमा पर सिंदूर या लाल चंदन, लाल गुलाल, अष्टगंध, नारियल, फूल, नैवेद्य चढ़ाकर धूप व चमेली के तेल का दीप जलाकर नीचे लिखें दो मंत्रो का यथाशक्ति जप करें -
- ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नम:।
- ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नम:।
- इन मंत्रों के स्मरण के बाद श्री हनुमान की दीप-कर्पूर आरती कर विघ्र, बाधा को दूर कर सफल जीवन की कामना करें।
हनुमान चरित्र की खूबी यह इशारा भी करती है कि इंसान में बल हो, बुद्धि भी हो, किंतु विवेक की कमी से निर्णय क्षमता कमजोर हो तो वक्त आने पर सही-गलत का फैसला न कर पाने और सक्रिय न होने से सारी शक्ति और ज्ञान बेकार हो जाता है और सफलता दूर रह जाती है।
श्री हनुमान की उपासना बल, बुद्धि और विद्या देने वाली ही मानी गई है। जोश, उत्साह और ऊर्जा बनाने रख सफलता की सीढिय़ां चढ़ते जाना है तो मंगलवार व हर माह की पूर्णिमा तिथि, जो हनुमान जन्म तिथि भी मानी गई है, पर श्री हनुमान उपासना के लिये बहुत ही मंगलकारी माना गया है।
इसी कड़ी में कल खासतौर पर उमंग और रंग भरे त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा पर यहां बताए जा रहे हैं, मात्र 2 हनुमान मंत्र से हनुमान पूजा जीवन सफलता के रंगों से भिगोने में बहुत ही असरदार मानी गई है।
- स्नान के बाद श्री हनुमान की मूर्ति या प्रतिमा पर सिंदूर या लाल चंदन, लाल गुलाल, अष्टगंध, नारियल, फूल, नैवेद्य चढ़ाकर धूप व चमेली के तेल का दीप जलाकर नीचे लिखें दो मंत्रो का यथाशक्ति जप करें -
- ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नम:।
- ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नम:।
- इन मंत्रों के स्मरण के बाद श्री हनुमान की दीप-कर्पूर आरती कर विघ्र, बाधा को दूर कर सफल जीवन की कामना करें।
Jyotishachary Varinder Kumar JI
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