3 मई से 8 मई के बीच एक ऐसा अद्भुत योग बन रहा है जिसमें देश और दुनिया में नाम रोशन करने वाला कोई इतिहास पुरुष जन्म लेगा। इस समय चार बड़े ग्रह अपनी उच्च राशि में या खुद की राशि में होंगे। इनके प्रभाव से इन चार दिनों में पैदा होने वाले लगभग सारे बच्चे बहुत भाग्यशाली होंगे।
इन सब में एक विशेष लग्न और योग में ऐसा बच्चा भी जन्म लेगा जिसकी गिनती दुनिया के महापुरुषों में होगी।
3 मई से 8 मई के बीच में जन्म लेने वाले बच्चे अपने देश का नाम रोशन करने वाले होंगे। इस समय में जन्म लेने वाले बच्चों की कुंडली में सात मुख्य ग्रहों में से 4 ग्रह सूर्य, गुरु, शुक्र और मंगल अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रहेंगे। ये चार ग्रह बहुत अच्छा फल देने वाले रहेंगे। इन ग्रहों के प्रभाव से इस समय में जन्म लेने वाले बच्चे कुछ विलक्षण प्रतिभा के होंगे। किस ग्रह की वजह से कैसे होंगे जन्म लेने वाले बच्चे?
सूर्य- 14 अप्रैल से सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में आ गया है। जब किसी कुंडली में सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होता है तो ऐसा जातक तेजस्वी आत्मविश्वासी, उच्च नेतृत्व क्षमता वाला और अपने पुरुषार्थ से प्रसिद्धि पाने वाला होता है। उच्च राशि में सूर्य होने से ऐसे जातक अपने पिता का नाम रोशन करते हैं। ऐसे लोगों की आत्मा पवित्र होती है। ये लोग ईमानदार होते हैं और कभी गलत तरीके से धन नहीं कमाते।
गुरु- यह ग्रह अपनी ही राशि यानि मीन राशि में स्थित है। गुरु के अपनी ही राशि में होने के प्रभाव से जातक बौद्धिक दृष्टि से अच्छा होता है। ऐसा जातक व्यवहारिक और बुद्धिमान होता है। गुरु की अच्छी स्थिति के कारण ही ऐसा जातक देशप्रेमी और देश के हित को सर्वोपरि मानते हुए हर काम करता है। गुरु के प्रभाव से ऐसा मनुष्य दयावान होता है। सामाजिक कार्योँ में ऐसे लोगों को बहुत पद-प्रतिष्ठा और सम्मान मिलता है।
शुक्र- 16 अप्रैल से शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में आ चुका है। इस राशि में शुक्र शुभ फल देने वाला होता है। कुंडली में उच्च राशि का शुक्र होना धैर्य मे वृद्धि और शारीरिक शक्ति देने वाला होता है। शुक्र ग्रह अपनी प्रकृति के अनुसार उच्च राशि में बैठकर जातक में आकर्षण शक्ति बढ़ाता है और लोगों में प्रसद्धि बनाता है। जातक स्पष्टवादी स्वभाव का होता है। अपनी वाणी और चतुरता से सबको मोहित करता है। हर काम को कुशलता और व्यवस्थित तरह से करना इनका गुण होता है।
मंगल- 3 मई से मंगल अपनी ही राशि मेष में आ गया है और अपनी ही राशि में बैठ कर सर्वश्रेष्ठ फल प्रदान करेगा। मंगल पराक्रम, वीरता और शक्ति का कारक ग्रह है। कुंडली के शुभ स्थान में बैठ कर मंगल जातक को जुझारू और कार्य के प्रति समर्पित बनाता है। मंगल के प्रभाव से जातक बहुत सारी स्थायी सम्पत्ति का मालिक बनता है। मंगल के प्रभाव से जातक का कर्मक्षेत्र पुलिस, सेना या इंजीनियरिंग होता है। ऐसे बच्चे अनुशासन प्रिय होते हैं।
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