Wednesday, May 11, 2011

अकाल मृत्यु का कारण वास्तु दोष तो नहीं !!!



दुनिया में ऐसा कोई घर नहीं है जहां किसी को मौत न हुई हो। कुछ परिवारों में अक्सर अकाल मृत्यु होती है अर्थात उस परिवार का कोई सदस्य आत्महत्या कर लेता है या किसी का एक्सीडेंट हो जाता है या परिवार के किसी सदस्य की हत्या हो जाती है। इनका कारण वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर की नैऋत्य दिशा में दोष होता है, वहां अकाल मृत्यु से परिवार के सदस्यों की मौत होने की संभावना सबसे अधिक होती है। कुछ उपाय कर इस दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है-

1- जिस घर में पूर्व दिशा में मुख्य द्वार हो और कम्पाउंड वॉल के पूर्व -आग्नेय कोण में द्वार हो अथवा घर का ईशान कोण कट गया हो। ऐसे घर का मालिक आत्महत्या कर सकता है।

2- जिस घर में वायव्य में कुआं और पश्चिम-नैऋत्य में पश्चिम की ओर ढलाऊ बरामदा हो, कम्पाउंड वॉल के पश्चिम-नैऋत्य में भी दरवाजा हो तो उस घर का मालिक द्वारा आत्महत्या करने की संभावना अधिक होती है।

3- जिस घर के नैऋत्य या पश्चिम-नैऋत्य में कम्पाउंड वॉल व घर का द्वार हो तो उस घर के लोग बदनामी, जेल, एक्सीडेंट या खुदकुशी के शिकार हो सकते हैं। हार्ट अटैक, ऑपरेशन, एक्सीडेंट, हत्या, लकवा जैसी असामयिक मृत्यु के शिकार भी हो सकते हैं।

4- ऐसे घर में जहां पूर्व दिशा में मुख्य द्वार हो, चारदीवारी के पूर्व आग्नेय दिशा में एक और फाटक हो या घर की ईशान दिशा कट गई हो। वहां रहने वाले परिवार के सदस्यों की मृत्यु आत्महत्या से संभावित है।

5- जिस घर में वायव्य में कुआं और पश्चिम-नैऋत्य में पश्चिम की ओर ढलाऊ बरामदा हो, पश्चिम में निम्न स्थल या चहारदीवारी की दक्षिण-नैऋत्य में फाटक हो। ऐसे घर में रहने वाले लोगों द्वारा आत्महत्या करने की संभावना अधिक होती है।

Varinder Kumar
ASTROLOGER
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Ludhiana Punjab India
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