हथेली पर मध्यमा अंगुली यानी मिडील फिंगर के मूल में शनि का स्थान होता है जिसे शनि पर्वत कहा जाता है। हथेली का शनि व्यक्ति का स्वभाव, गृहस्थ जीवन और स्वास्थ्य के बारें में बताता हैं। हथेली पर यह पर्वत आसाधारण प्रकृति के बारें में बताता है। कह सकते हैं कि व्यक्ति कितना असाधारण है इस पर्वत से पता चल जाता है।
अगर शनि पर्वत सामान्यत: पूरा विकसित हो तो ऐसा व्यक्ति एकान्तप्रिय और लगातार लक्ष्य की ओर बढऩे वाला होता है। वह अपने कार्यों में या लक्ष्य में इतना ज्यादा डूब जाता है कि वह घर गृहस्थी की भी चिंता नहीं करता है। स्वभाव से ऐसे लोग चिड़चिड़े होते हैं। जैसे-जैसे इनकी उम्र बढ़ती जाती है ये और भी ज्यादा रहस्यवादी होते जाते हैं।
जिसके हाथ में शनि पर्वत अच्छा और प्रभावशाली होता है ऐसा व्यक्ति सफल जादूगर, इंजीनियर, रहस्यवादी होता हंै। ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में पूर्ण मितव्ययी होते हैं। अचल सम्पति खरीदने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। संगीत, नृत्य आदि कार्यो में इनका रूझान कम रहता है। ऐसे लोग कुछ शकी मिजाज के होते हैं। सन्देहशीलता इनके जीवन में बचपन से ही होती है और अपनी पत्नी और पुत्रों पर भी शक करने से नहीं चूकते।
अगर किसी के हाथ में शनि पर्वत बहुत ज्यादा विकसित होता है, तो ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में आत्महत्या कर लेता है। डाकू , ठग, लुटेरे, आदि लोगों के हाथों में यह पर्वत जरूरत से ज्यादा विकसित होता है। ऐसे व्यक्तियों का पर्वत साधारणत: पीलापन लिए हुए होता है। इनकी हथेलियां और चमड़ी पीली होती है।
अगर किसी हथेली में शनि पर्वत नही होता है तो उस व्यक्ति का जीवन महत्वहीन सा होता है। यदि यह पर्वत सामान्य रूप से उभरा हुआ हो तो वह व्यक्ति जरूरत से ज्यादा भाग्य पर विश्वास करने वाला होता है। उसे अपने कार्यो में असफलता प्राप्त होती है। अगर मध्यमा अंगुली का सिरा नुकीला हो और शनि पर्वत विकसित हो तो व्यक्ति कल्पनाप्रिय होता है।
Varinder Kumar
ASTROLOGER
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