Thursday, May 5, 2011

गुरु दोष शांति के लिए बोलें यह मंत्र



हिन्दू धर्म में नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान और बुद्धि के साथ-साथ भाग्य वृद्धि, विवाह और संतान सुख देने वाली मानी गई है। वहीं भारतीय ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक गुरु के बलवान होने पर इंसान शास्त्र, विद्या, ज्ञान द्वारा प्रतिष्ठा, धन और सुख पाता है।

इसी तरह कुण्डली में गुरु के विपरीत योग और प्रभाव से मानसिक कष्ट के साथ भाग्य बाधा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही विवाह और संतान बाधा आती है।

अगर आप भी ऐसी ही परेशानियों से जूझ रहे हैं तो गुरु दोष शांति के लिए यहां बताए जा रहे विशेष गुरु मंत्र का जप करें-

इस मंत्र जप के लिए विशेष रूप से गुरुवार का दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन प्रात: स्नान के बाद यथासंभव पीले वस्त्र पहनकर गुरु बृहस्पति की उपासना में पीली पूजा सामग्री अर्पित करें। जिनमें खासतौर पर पीले फूल, पीले वस्त्र, पीले रंग का नैवेद्य गुरु बृहस्पति को बहुत प्रिय माने गए हैं। इसके बाद नीचे लिखे गुरु गायत्री मंत्र का जप यथाशक्ति करें -

ॐ अंगिरो जाताय विद्महे

वाचस्पते धीमहि 

तन्नो गुरुः प्रचोदयात।।

- मंत्र जप के बाद बृहस्पति की आरती कर जीवन में आ रही बाधाओं से छुटकारे की कामना करें। 




Varinder Kumar
ASTROLOGER
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