1 जुलाई को फिर सूर्य ग्रहण होगा। पिछले 31 दिनों में यह तीसरा ग्रहण है। इसके पहले भी 15-15 दिनों के अंतर में दो ग्रहण आ चुके हैं। यह सूर्य ग्रहण केवल खंडग्रास यानी आंशिक ग्रहण होगा।लुधियाना के ज्योतिषाचार्य Varinder Kumar JI के अनुसार लगातार तीन ग्रहण आने से दुनिया के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक प्रकोप या कोई बड़ी दुर्घटना होने की आशंका जताई जा रही है।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। ये प्राकृतिक प्रकोप, राजनीतिक उठापटक, दुर्घटनाएं आदि के संकेत करते हैं। फिर भी ये घटना बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जो ग्रहण जिस जगह दिखाई देगा उसका प्रभाव भी वहीं के लोगों पर पङ़ेगा। एक माह के भीतर यह तीसरा ग्रहण है। इसके पहले 1 जून को भी खंडग्रास सूर्य ग्रहण हुआ था, इसके बाद 15 जुलाई को चंद्रग्रहण हुआ था।
1 जुलाई को शाम 6.15 बजे से लेकर रात 9.48 बजे तक खण्डग्रास सूर्यग्रहण होगा। यह ग्रहण हिंद महासागर और अंटार्कटिका महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण का प्रभाव मॉरिशस और आस-पास के छोटे द्विपों पर पड़ेगा। इस सूर्य ग्रहण से ऑस्टे्रलिया के कुछ शहर भी प्रभावित होंगे। ग्रहण के असर के कारण आने वाले दिनों में इन जगह प्राकृतिक आपदाएं आने के योग बन सकते हैं।
हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इस कारण इसका असर भी भारतवासियों पर नहीं पड़ेगा।
इस सूर्य ग्रहण का असर 12 घंटे पहले से होने लग जाएगा यानि 1 जुलाई को सुबह से ही ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा।
किन लोगों के लिए अशुभ रहेगा यह ग्रहण-
यह ग्रहण मिथुन और धनु राशि वालों के लिए अशुभ फल देने वाला रहेगा।
इस ग्रहण से वो लोग भी प्रभावित होंगे जिनकी कुंडली में सूर्य के साथ राहु या केतु है।
जिनकी कुंडली में सूर्य 7 नंबर यानि तुला राशि में है ऐसे लोग भी इस ग्रहण से प्रभावित होंगे।
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jyotishachary Varinder Kumar JI
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