Tuesday, June 28, 2011

बुधवार को बोलें गजानन के ये मंत्र, खुशियों में डूबा रहेगा घर-आंगन



आनंद और सुख की कामना हमेशा पुरुषार्थ के दम पर ही पूरी होती है। पुरुषार्थ को सरल शब्दों में समझें तो कर्म और परिश्रम का भाव तभी संभव है, जब इंसान जीवन के प्रति सचेत रहकर ज्ञान और संकल्पों के साथ जीवन को सुखी बनाने के मजबूत इरादे रखें।

ज्ञान और संकल्पों को मजबूत बनाने की बात हो तो धार्मिक उपायों में श्री गणेश की उपासना फलदायी मानी गई है। श्री गणेश का एक नाम गजानन भी है, गजानन यानी हाथी मुख वाले। असल में गजानन नाम आनंद स्वरूप ही है। जिसे देखने और स्मरण करने पर पहली बार मन-मस्तिष्क में आनंद और प्रसन्नता का भाव ही आता है।

वहीं गजानन के अनोखे स्वरूप में लंबी सूंड से लेकर बड़े कान, बड़ी आंखे जीवन में सचेत रहने की ही सीख देते हैं। क्योंकि यह इंद्रिय संयम की ओर इशारा करते हैं। जिसके अभाव में ज्ञान व संकल्प धरे के धरे रह जाते हैं।

अगर आप भी चाहते हैं आपके साथ ही घर-परिवार पर सुख और प्रसन्नता बरसती रहे तो यहां बताए जा रहे श्री गणेश के मंत्रों का ध्यान सुबह-शाम थोड़ा-सा वक्त निकालकर यथाशक्ति भगवान गणेश की सेवा-पूजा के साथ जरूर करें।

- प्रात: स्नान कर देवालय में श्री गणेश का ध्यान कर पंचोपचार पूजा करें, जिसमें गंध, अक्षत, सुगंधित फूलों के साथ विशेष रूप से सिंदूर व 11 या 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। मोदक या मौसमी फलों का भोग लगाएं।

- अगरबत्ती और दीप जलाएं और नीचे लिखें सरल मंत्रों का मन ही मन 11, 21 या अधिक बार जप करें -

ॐ  विघ्रराजाय नम:

ॐ  प्रसन्नात्मने नम: 

ॐ  गजाननाय नम:

ॐ  चतुराय नम: 

- पूजा और मंत्र जप के बाद श्री गणेश आरती कर निजी और पारिवारिक प्रसन्नता और समृद्धि की कामना कर मोदक का प्रसाद स्वयं और परिवार के अन्य सदस्यों को प्रदान करें। श्री गणेश की तरह माता-पिता का सम्मान कर चरण छूएं।



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