शास्त्रों में अच्छा स्वास्थ्य भी धन
के समान माना गया है। दरअसल, निरोगी काया ही विचार और कर्म से सक्रिय बनाए
रख जीवन के अहम लक्ष्यों को हासिल करने में निर्णायक होती है। शास्त्रों के
नजरिए से जीवन के ये लक्ष्य धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के रूप में जाने जाते
हैं। जिनमें सांसारिक कर्तव्यों को पूरा करने में अर्थ की भूमिका बहुत अहम
मानी गई है।
बेहतर स्वास्थ्य व धन संपन्नता की कामना को पूरा करने के लिए हिन्दू धर्म में सूर्य उपासना का महत्व बताया गया है। सूर्य साक्षात् देवता भी माने गए हैं। जिनकी उपासना रविवार, संक्राति, उत्तरायन व दक्षिणायन व सप्तमी तिथि को विशेष कामनासिद्धि करने वाली होती हैं।
इन शुभ घडिय़ों के साथ ही हर रोज सूर्य पूजा के लिए शास्त्रों में एक बेहद आसान उपाय बताया गया है। जिसमें सूर्यादय व सूर्यास्त के वक्त सूर्य के मात्र 21 नाम मंत्रों का स्मरण निरोगी जीवन, वैभव, यश देने के साथ मन, वचन व कर्म के सभी पापों का नाश करने वाले माने गए हैं।
पौराणिक मान्यता है कि ये 21 नाम सूर्यदेव को बहुत प्रिय हैं और उनके ही द्वारा स्वास्थ्य, धन व सुखी जीवन की कामनासिद्धि के लिये ये 21 नाम मंत्र उजागर किए गए। जिनका ध्यान सूर्य के हजारों नामों के स्मरण का ही फल देता है।
- सुबह-शाम सूर्योदय या सूर्यास्त के पहले तीर्थ में या तीर्थ जल से स्नान के बाद सफेद वस्त्र पहन सूर्यदेव की ओर मुख कर जल भरे कलश में लाल चंदन, फूल व अक्षत डालकर 'ऊँ खखोल्काय नम:' इस मंत्र के साथ सूर्य अर्घ्य देने के बाद नीचे लिखे 21 सूर्य नाम मंत्र का प्रणाम करते हुए स्मरण करें -
वैकर्तनो विवस्वांश्र्च मार्तण्डो भास्करो रवि:।
लोकप्रकाशक: श्रीमांल्लोकचक्षुर्ग्रहेश्वर।।
लोकसाक्षी त्रिलोकेश: कर्ता हर्ता तमिस्त्रहा।
तपनस्तापनश्र्चैव शुचि: सप्ताश्र्ववाहन:।।
गभस्तिहस्तो ब्रह्मा च सर्वदेवनमस्कृत:।
सरल अर्थ मे ये 21 नाम हैं -
विकर्तन, विवस्वान, मार्तण्ड, भास्कर, रवि, लोकप्रकाशक, श्रीमान, लोकचक्षु, ग्रहेश्वर, लोकसाक्षी, त्रिलोकेश, कर्ता, हर्ता, तमिस्त्रहा, तपन, तापन, शुचि, सप्ताश्र्चवाहन, गभस्तिहस्त, ब्रह्मा और सर्वदेवनमस्कृत।
बेहतर स्वास्थ्य व धन संपन्नता की कामना को पूरा करने के लिए हिन्दू धर्म में सूर्य उपासना का महत्व बताया गया है। सूर्य साक्षात् देवता भी माने गए हैं। जिनकी उपासना रविवार, संक्राति, उत्तरायन व दक्षिणायन व सप्तमी तिथि को विशेष कामनासिद्धि करने वाली होती हैं।
इन शुभ घडिय़ों के साथ ही हर रोज सूर्य पूजा के लिए शास्त्रों में एक बेहद आसान उपाय बताया गया है। जिसमें सूर्यादय व सूर्यास्त के वक्त सूर्य के मात्र 21 नाम मंत्रों का स्मरण निरोगी जीवन, वैभव, यश देने के साथ मन, वचन व कर्म के सभी पापों का नाश करने वाले माने गए हैं।
पौराणिक मान्यता है कि ये 21 नाम सूर्यदेव को बहुत प्रिय हैं और उनके ही द्वारा स्वास्थ्य, धन व सुखी जीवन की कामनासिद्धि के लिये ये 21 नाम मंत्र उजागर किए गए। जिनका ध्यान सूर्य के हजारों नामों के स्मरण का ही फल देता है।
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