शास्त्रों के मुताबिक शिव भक्ति
संकल्प और इच्छाशक्ति को मजबूत करने वाली होती है। शिव का मतलब परमानंद भी
है, वहीं उनका स्वरूप सौम्य व सरल। इसलिए धार्मिक आस्था है कि अगर शुद्ध व
सरल भावों के साथ किसी भी स्थिति में शिव स्मरण किया जाए तो न केवल फल
मनचाहा व शीघ्र मिलता है, बल्कि हर विवशता, कष्ट या कलह का अंत निश्चित हो
जाता है।
शिव स्मरण से जीवन से सारी मानसिक, आर्थिक या शारीरिक दु:ख व परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए यहां बताया जा रहा पुराणोक्त शिव मंत्र बहुत ही असरदार माना गया है।
यथासंभव इस मंत्र का ध्यान शिवलिंग की कम से कम जल या बिल्वपत्र अर्पित कर करें। किंतु इस मंत्र की खासियत यह है कि बिना बाहरी पूजा सामग्रियों के चढ़ावे के भी यह बहुत ही मंगलकारी है। क्योंकि इसके द्वारा हर भक्त मन, प्राण, इन्द्रियों और कर्म को ही पूजा सामग्री के रूप में शिव को समर्पित करता है। इसलिए बिना शिवालय जाए या किसी असक्तता में भी इस मंत्र मात्र से अद्भुत भक्ति आशुतोष शिव को जल्द प्रसन्न करती है। सोमवार या शिव उपासना के विशेष अवसरों पर इस मंत्र का स्मरण न चूकें। जानते हैं यह अनूठा पौराणिक शिव मंत्र व अर्थ -
पुष्पाणि सन्तु तव देव ममेन्द्रियाणि।
धूपोगरुर्वपुरिदं हृदयं प्रदीप:।।
प्राणा हवीषि करणानि तवाक्षताश्च।
पूजाफलं व्रततु साम्प्रतमेष जीव:।।
सरल शब्दों में अर्थ है - हे महादेव, आपकी पूजा के लिए मेरी इन्द्रियां फूल बन जाएं। मेरा शरीर सुगन्धित धूप और अगरु बन जाए। मेरा हृदय दीप हो जाए, मेरी जीवनशक्ति यानी प्राण हविष और सारी कर्मेन्द्रियां अक्षत बन जाएं। इस तरह मैं आपकी उपासना करता हुआ पूजा का फल प्राप्त करूं।
शिव स्मरण से जीवन से सारी मानसिक, आर्थिक या शारीरिक दु:ख व परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए यहां बताया जा रहा पुराणोक्त शिव मंत्र बहुत ही असरदार माना गया है।
यथासंभव इस मंत्र का ध्यान शिवलिंग की कम से कम जल या बिल्वपत्र अर्पित कर करें। किंतु इस मंत्र की खासियत यह है कि बिना बाहरी पूजा सामग्रियों के चढ़ावे के भी यह बहुत ही मंगलकारी है। क्योंकि इसके द्वारा हर भक्त मन, प्राण, इन्द्रियों और कर्म को ही पूजा सामग्री के रूप में शिव को समर्पित करता है। इसलिए बिना शिवालय जाए या किसी असक्तता में भी इस मंत्र मात्र से अद्भुत भक्ति आशुतोष शिव को जल्द प्रसन्न करती है। सोमवार या शिव उपासना के विशेष अवसरों पर इस मंत्र का स्मरण न चूकें। जानते हैं यह अनूठा पौराणिक शिव मंत्र व अर्थ -
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