हिंदू संस्कृति में जब भी कोई शुभ कार्य प्रारंभ किया जाता है सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन अवश्य होता है। इसीलिए भगवान गणेश को प्रथम पूज्य कहा गया है। ये सभी बाधाओं का निवारण करने वाले तथा अपने भक्तों को सभी सुख प्रदान करने वाले हैं। भगवान गणेश के कई रूप विशेष फलदाई माने गए हैं। नीम की लकड़ी से निर्मित भगवान गणेश की मूर्ति का पूजन करने बिगड़े काम भी बन जाते हैं।
- भगवान गणेश की नीम की लकड़ी से बनी मूर्ति को यदि घर में स्थापित कर लिया जाए तो सोने पर सुहागा जैसी बात है। नीम जहां आपके घर के वातावरण की शुद्ध एवं सात्विक बनाता है।
- रोज इस प्रतिमा की धूप- दीप व पूजा करने से भगवान गणपति प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस प्रतिमा के स्थापित होने पर आपके घर में कोई संकट, कोई परेशानी नहीं आ सकती।
- नीम की लकड़ी से निर्मित प्रतिमा घर में स्थापित कर रोजाना धूप- दीप व पूजन करने से कितना ही बड़ा शत्रु हो वह भी शत्रुता की भावना को छोड़कर पीछे हट जाएगा।
- नीम की लकड़ी को घर में स्थापित करने से घर में धनधान्य में वृद्धि होती है। गृह क्लेश के साथ ही शत्रुओं का नाश होता हैं और विपत्तियों का नाश होता है।
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