Tuesday, May 10, 2011

गन्ने के रस से करें शिव का अभिषेक, मिलेगी मनचाही सुख-शांति



संताप दु:ख का ऐसा रूप है, जो तमाम सुख-सुविधाओं के बीच रहते हुए भी व्यक्ति को सुख और शांति से नहीं रहने देता। जिस तरह ताप या गर्मी से शरीर तप जाता है, ठीक उसी तरह संताप भी अंदर ही अंदर इंसान को जलाता है।

ऐसे ही दु:ख और संताप को दूर रखने के लिए धर्मशास्त्र सुख हो या दु:ख हर हालात में ईश्वर को स्मरण करते रहने की सीख देते हैं। क्योंकि देव उपासना मन में आत्मविश्वास और आशा बनाए रखती है। यही कारण है कि दु:खों से छुटकारे या बचाव के देव विशेष की उपासना का महत्व है।

हिन्दू धर्म में रुत् यानी दु:ख और संताप दूर करने वाले देवता के रूप में भगवान रूद्र यानी शिव पूजनीय है। हिन्दू माह वैशाख माह (वर्तमान में माह मई) भी गर्मी की तपन का मौसम है। जिसमें मात्र जल धारा से ही प्रसन्न होने वाले देवता आशुतोष शिव का विशेष फल के रसों से अभिषेक बहुत ही शुभ माना गया है।

इसलिए अगर आप भी मानसिक, शारीरिक या आर्थिक कष्टों का सामना कर रहे हैं तो वैशाख माह में खासतौर पर सोमवार के दिन संताप से छुटकारे के लिए शिव का यहां बताए जा रहे विशेष रस से अभिषेक करें।

सोमवार या प्रतिदिन शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करना मानसिक शांति देने के साथ घर-परिवार से भी कलह का अंत करने वाला माना गया है। जानते हैं इस आसान उपाय की विधि -

- सुबह स्नान कर यथासंभव सफेद वस्त्र पहन घर या शिवालय में शिवलिंग को पवित्र जल से स्नान कराएं।

- स्नान के बाद यथाशक्ति गन्ने के रस की धारा शिवलिंग पर नीचे लिखें मंत्र या पंचाक्षरी मंत्र नम: शिवाय बोलकर अर्पित करें -

रूपं देहि जयं देहि भाग्यं देहि महेश्वर:।

पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान्कामांश्च देहि मे।।

- गन्ने के रस से अभिषेक के बाद पवित्र जल से स्नान कराकर गंध, अक्षत, आंकड़े के फूल, बिल्वपत्र शिव को अर्पित करें। सफेद व्यंजनों का भोग लगाएं। किसी शिव मंत्र का जप करें।

- धूप, दीप व कर्पूर आरती करें।

- अंत में क्षमा मांगकर दु:खों से मुक्ति व रक्षा की कामना करें। 




Varinder Kumar
ASTROLOGER
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