Tuesday, May 10, 2011

इस तरह पढ़ें माथे पर लिखी तकदीर को....



ज्येतिष विद्या में केवल हाथों की लकीरों का ही महत्व नहीं होता। हाथों के अलावा पैर और मस्तक की रेखाओं की भी ज्योतिष में उतना ही महत्व है।

आज हम बात कर रहे हैं मस्तक यानी माथे पर बनने वाली रेखाओं की। जानते हैं कि मस्तक की रेखाओं से कैसे किसी इंसान के बारे में जाना जा सकता है।

ज्योतिष में रंग रूप और नाक नक्क्ष आदि सभी महत्व रखते हैं और सभी को यदि ज्योतिष की दृष्टी से देखा जाए तो वे किसी ना किसी रूप में व्यक्ति का चरित्र बताते हैं। शरीर लक्षण विज्ञानियों के अनुसार फोरहेड या ललाट पर दिखाई देने वाली रेखाओं को देखकर भी किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व जाना जा सकता है।

ललाट पर उनकी स्थिति के अनुसार उन्हें क्रमश: शनि, गुरु, मंगल, बुध, शुक्र तथा सूर्य और चंद्र रेखा आदि के नाम से जाना जाता है। इन रेखाओं के आधार पर भी किसी व्यक्ति का भविष्य बताया जा सकता है।

शनि रेखा- यह ललाट के सबसे ऊपर होती है। शनि रेखा वाले लोग अकेले रहना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों का स्वभाव रहस्यमय होता है। ये लोग कम बोलना पसंद करते हैं।  अक्सर मशहूर ज्योतिष या तांत्रिक भी हो सकते हैं।

बृहस्पति रेखा- शनि रेखा से नीचे गुरु रेखा होती है। यदि ललाट पर बड़ी व स्पष्ट गुरु रेखा हो तो जातक आत्मविश्वासी, साहसी, अध्ययनशील तथा महत्वकांक्षी होता है।

मंगल रेखा- यदि सपाट ललाट पर मंगल रेखा हो तो ऐसे लोग बहुत जिंदादिल और साहसी होते हैं। बहुत स्वाभिमानी होते हैं। इन्हें गुस्सा बहुत जल्दी आ जाता है।

बुध रेखा- यह रेखा जिस व्यक्ति के ललाट पर हो वह तेज दिमाग वाला गहराई से सोच-समझकर कार्य करने वाला, चीजों का सुक्ष्म निरीक्षण करने वाला होता है।

शुक्र रेखा- यह रेखा बुध रेखा से नीचे होती है। यह रेखा पुष्ट हो तो जातक में स्फूर्तिवान, आशावादी, उत्साही, स्वतंत्रता पसंद करने वाले होते हैं।

सूर्य रेखा- यह रेखा जिस व्यक्ति के ललाट पर दिखाई देती है। वे अच्छे गणितज्ञ, यांत्रिक सम्पादक, शासक या नेता हो सकते हैं।

चंद्र रेखा- बाएं नेत्र की भौंह के ऊपर यह रेखा होती है। यह रेखा उन्नत हो तो जातक कलाप्रेमी, विकसित बुद्धि, भावुक, संवेदनशील और धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाले होते हैं।

Varinder Kumar
ASTROLOGER
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