नक्षत्र का अर्थ है ‘जो स्थिर है’ और ‘तारों का नक्शा’। नक्षत्र चंद्रमा की पत्नियों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो शक्ति की रुपक हैं। जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है वह जन्म का नक्षत्र होता है। आकाश मंडल में अभिजीत नक्षत्र सहित 28 नक्षत्र हैं। एक राशि 2.5 नक्षत्र से बनी है। चंद्रमा करीब 27 दिनों में 27 नक्षत्रों से गुजरता है और एक नक्षत्र 3 डिग्री 20 मिनट का होता है। नक्षत्र को बुनियादी गुण, लिंग, जाति, प्रजातियों, पीठासीन देवता जैसे विभिन्न तरीकों से वर्गीकृत किया जाता है। सटीक भविष्यवाणी, मूहूर्त, विवाह के लिए कुंडली मिलान में ज्योतिषी नक्षत्रों का उपयोग करते हैं।
नक्षत्र के साथ जुड़ा हुआ शब्द -पंचक- लोगो को भयभीत करता है। वास्तव में कुम्भ व मीनराशि में जब चन्द्रमा रहते है तो उस अवधि को पंचक कहते हैं। ज्योतिष में धनिष्ठा का उतरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती इन पांच नक्षत्रों को पंचक कहते हैं। वास्तव में पंचक का अर्थ है पांच का समूह।शास्त्रों के अनुसार, पंचक में दक्षिण दिशा की यात्रा, ईंधन एकत्र करना, शव का अन्तिम संस्कार, घर की छत डालना, चारपाई बनवाना शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह माना जाता है कि इन नक्षत्र में इनमें से कोई भी कार्य करने पर उक्त कार्य को पांच बार दोहराना पड सकता है।
अब हम प्रत्येक नक्षत्र की योनी, गण, नाड़ी, सामान्य चरित्र, व्यवसाय व मुहूर्त के संबंध में जानते हैं।
नक्षत्र के साथ जुड़ा हुआ शब्द -पंचक- लोगो को भयभीत करता है। वास्तव में कुम्भ व मीनराशि में जब चन्द्रमा रहते है तो उस अवधि को पंचक कहते हैं। ज्योतिष में धनिष्ठा का उतरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती इन पांच नक्षत्रों को पंचक कहते हैं। वास्तव में पंचक का अर्थ है पांच का समूह।शास्त्रों के अनुसार, पंचक में दक्षिण दिशा की यात्रा, ईंधन एकत्र करना, शव का अन्तिम संस्कार, घर की छत डालना, चारपाई बनवाना शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह माना जाता है कि इन नक्षत्र में इनमें से कोई भी कार्य करने पर उक्त कार्य को पांच बार दोहराना पड सकता है।
अब हम प्रत्येक नक्षत्र की योनी, गण, नाड़ी, सामान्य चरित्र, व्यवसाय व मुहूर्त के संबंध में जानते हैं।
1. अश्विनी – अश्व – देव- अद्य
सामान्य चरित्र: चतुर, बुद्धिमान, कुशल, चिड़चिड़ा, लोकप्रिय।
व्यवसाय: चिकित्सक, वास्तुकला, स्टॉक ब्रोकिंग, इंटीरियर डिजाइन, उड़ान, ड्राइविंग, घुड़सवारी और खेल
यह मुहूर्त विद्या प्राप्ति तथा मंगलवार की यात्रा आरम्भ करने के लिए अनुकुल है।
2. भरणी- गज- मनुष्य- मध्य
सामान्य चरित्र: सच्चा, महत्वाकांक्षी, साहसी, स्वार्थी, चालाक और जिंदगी का आनंद उठाने वाला
व्यवसाय: मनोरंजन उद्योग, खेल, आतिथ्य, उद्योग, विज्ञापन, ललित कला
गुरुवार को उतीर्ण होने संबन्धी कार्य किये जा सकते हैं। शनिवार के दिन यन्त्र सिद्धि का कार्य करना चाहिए।
3. कृत्तिका- मेष- राक्षस- अंत
सामान्य चरित्र: उत्साही, प्रतियोगी, नेतृत्व के गुण
व्यवसाय: राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा, ज्योतिष, संपत्ति खरीदने और बिक्री, सर्जरी, चार्टर्ड एकाउंटेंट
यह बुधवार को निर्माण के लिए फायदेमंद है तथा गुरुवार को सुखी विवाहित जीवन के लिए शुभ है।
सामान्य चरित्र: चतुर, बुद्धिमान, कुशल, चिड़चिड़ा, लोकप्रिय।
व्यवसाय: चिकित्सक, वास्तुकला, स्टॉक ब्रोकिंग, इंटीरियर डिजाइन, उड़ान, ड्राइविंग, घुड़सवारी और खेल
यह मुहूर्त विद्या प्राप्ति तथा मंगलवार की यात्रा आरम्भ करने के लिए अनुकुल है।
2. भरणी- गज- मनुष्य- मध्य
सामान्य चरित्र: सच्चा, महत्वाकांक्षी, साहसी, स्वार्थी, चालाक और जिंदगी का आनंद उठाने वाला
व्यवसाय: मनोरंजन उद्योग, खेल, आतिथ्य, उद्योग, विज्ञापन, ललित कला
गुरुवार को उतीर्ण होने संबन्धी कार्य किये जा सकते हैं। शनिवार के दिन यन्त्र सिद्धि का कार्य करना चाहिए।
3. कृत्तिका- मेष- राक्षस- अंत
सामान्य चरित्र: उत्साही, प्रतियोगी, नेतृत्व के गुण
व्यवसाय: राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा, ज्योतिष, संपत्ति खरीदने और बिक्री, सर्जरी, चार्टर्ड एकाउंटेंट
यह बुधवार को निर्माण के लिए फायदेमंद है तथा गुरुवार को सुखी विवाहित जीवन के लिए शुभ है।
4. रोहिणी- सर्प- मनुष्य- अंत
सामान्य चरित्र: सौहार्दपूर्ण, शिष्ट, सहानुभूति, सच्चा, सुंदर
व्यवसाय : आतिथ्य उद्योग, डेयरी उत्पाद, इत्र, सौंदर्य प्रसाधन, पशु – कृषि के क्षेत्र में काम
यह शादी सहित सब शुभ कार्य के लिए उत्कृष्ट है।
5. मृगशिरा- सर्प- देव- मध्य
सामान्य चरित्र: मजाकिया, उत्साही, भावुक, स्वार्थी, मजबूत
व्यवसाय: ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, आय, मनोरंजन और बिक्री कर, अनुसंधान, कंप्यूटर, खगोल विज्ञान
मृगशिरा नक्षत्र बुधवार को घर खरीदने के लिए उपयुक्त रहता है।
6. आर्द्रा- श्वान- मनुष्य- अद्य
सामान्य चरित्र : सरल, बोधगम्य, संसाधन और मानसिक रूप से सक्रिय
व्यवसाय: संचार, विज्ञापन, लेखन, अनुसंधान, पोस्ट, और टेलीग्राफ
शुक्रवार को आर्द्रा नाडी की अवधि में, संतान की शिक्षा आरम्भ की जा सकती है। रविवार को सरकारी विभागों के अधिकारियों से मिलने अथवा व्यवसायिक कार्यो से संबन्धित कार्य किया जा सकता है।
7. पुनर्वसु- मर्जर- देव- अद्य
सामान्य चरित्र: सहज ज्ञान युक्त, सुंदर, अच्छी याददाश्त, ज्ञान
व्यवसाय: संपादन, प्रकाशन, पत्रकारिता, वित्त, ज्योतिष
रविवार को देवी देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जा सकती है। सोमवार को पुनर्वसु मूहूर्त में नए घर में प्रवेश कर सकते हैं।
8. पुष्य – मेष – देव – मध्य
सामान्य चरित्र: अंतर्ज्ञानी, दयालु, मददगार, संतुष्ट
व्यवसाय: पनडुब्बी, पेट्रोलियम, कोयला, कृषि, निर्माण से संबंधित
पुष्य नाडी मुहूर्त में मांगलिक कार्य आरम्भ करने के लिए शुभ है। पुष्य नाडी गुरुवार को अमृत योग बनता है। इस मुहुर्त में गृह प्रवेश, वधु प्रवेश, गृह निर्माण, व्यापार का आरम्भ इत्यादि कार्य किये जा सकते है।
9. अश्लेषा – मर्जर- राक्षस- अंत
सामान्य चरित्र: सरल, तेज दिमाग और यात्रा पसंद
व्यवसाय: वैश्विक व्यापार, इंजीनियरिंग, वाणिज्य और व्यापार, यात्रा संबंधित
शुभ काम के लिए यह अच्छा नक्षत्र नहीं है।
10. मघा – मूषक – राक्षस – अंत
सामान्य चरित्र: चिड़चिड़ा, आवेगी, मेहनती, मुखर
व्यवसाय: रक्षा, शल्य चिकित्सा, रसायन और औषधि निर्माण, सरकारी सेवा
काम करने के लिए तथा शपथ लेने के लिए यह शुभ नक्षत्र है।
11. पूर्वाफाल्गुनी – मूषक – मनुष्य- मध्य
सामान्य चरित्र: उदार, स्नेही, ईमानदार और विनम्र
व्यवसाय : मनोरंजन परिवहन, शिक्षा, खेल, ऑटोमोबाइल, राजस्व
पूर्वाफाल्गुनी में मित्रता करने संबन्धी, प्रतियोगिताओं में भाग लेने, घूमने -फिरने का कार्य को करना चाहिए।
12. उत्तराफाल्गुनी- गाय – मनुष्य- अद्य
सामान्य चरित्र: आशावादी, तर्कसंगत,प्रसन्न, अमीर, दिखावा करना
व्यवसाय: वाणिज्य, शेयर, नौवहन, चिकित्सा, विनिमय, सरकारी सेवा
सोमवार के दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र की अवधि, विवाह कार्यो के लिए अनुकुल होता है।
13. हस्त – महिषी- देव- अद्य
सामान्य चरित्र: मेहनती, ऊर्जा से भरा हुआ, झगड़ालू, साहसी
व्यवसाय: कला, विधि, वाणिज्य, आयात निर्यात, इंजीनियरिंग, राजनीति
ऐसी मान्यता है कि भगवान हनुमान, भगवान गणेश, स्वामी विवेकानंद का जन्म इस नक्षत्र के अंतर्गत हुआ था। शादी और यात्रा के लिए यह शुभ होता है।
14. चित्रा- व्याघ्र – राक्षस – मध्य
सामान्य चरित्र: व्यावहारिक, साहसी, ऊर्जा से भरा हुआ, बेचैन और चिड़चिड़ा, सक्रिय
व्यवसाय : वित्त, रक्षा, पुलिस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, निर्माण, कानून
यह शुभ काम के लिए अच्छा होता है।
15. स्वाति- महिषी – देव- अद्य
सामान्य चरित्र: अनुकूल, संवेदनशील, सामाजिक, दयालु, पहल करने वाला ।
व्यवसाय: परिवहन, व्यापार, कपड़े, चमड़े, दूध, बेकरी।
यह शुभ काम के लिए अच्छा नक्षत्र है।
16. विशाखा- व्याघ्र- राक्षस- अंत
सामान्य चरित्र: सीधा, ईमानदार, स्वतंत्र, उदार, बुद्धिमान
व्यवसाय: बीमा, शेयर बाजार, रक्षा, आपराधिक कानून, केमिकल इंजीनियरिंग, आयुर्वेद
विशाखा नक्षत्र में रविवार के दिन विवाह कार्य कर सकते हैं। इस नक्षत्र में गुरुवार के दिन कार्य आरम्भ करने पर व्यक्ति के धन में वृद्धि होती है।
17. अनुराधा- मृग – देव – मध्य
सामान्य चरित्र: आत्म केन्द्रित, आक्रामक, साहसी, बुद्धिमान, ईमानदार, मेहनती
व्यवसाय: शल्य चिकित्सा, होम्योपैथी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, जेलों का काम
अनुराधा नक्षत्र में रविवार को व्यवसाय आरम्भ तथा सोमवार को यात्रा किया जा सकता है।
18. ज्येष्ठा – मृग – राक्षस- अंत
सामान्य चरित्र: विनोदपूर्ण, सहज, व्यावहारिक, दार्शनिक
व्यवसाय: शल्य चिकित्सा, प्रकाशन, वस्त्र मशीनरी, केबल तारों के निर्माता
शुभ काम के लिए यह नक्षत्र निषिद्ध है।
19. मूल – श्वान- राक्षस- अद्य
सामान्य चरित्र: आक्रामक, सौहार्दपूर्ण, धर्मार्थ, उदार, ईमानदार
व्यवसाय: वैश्विक व्यापार, कानून, शिक्षा, सामाजिक कार्य, व्यापार, चिकित्सा
रविवार के दिन मूल नाडी मुहूर्त में धन लाभ से जुडे कार्य ,आय में वृद्धि होने संबधित कार्य करने पर लाभ होता है।
20. पूर्वाषाढ़ा- कापी – मनुष्य – मध्य
सामान्य चरित्र: विस्तृत सोच, विनम्र, दयालु, संवेदनशील, ईमानदार
व्यवसाय: ज्योतिष, मनोगत अध्ययन, बैंक, होटल, विदेशी मुद्रा, परिवहन
रविवार को व्यापार संबंधी कार्य आरम्भ किये जा सकते है जिससे लाभ में वृद्धि होती है। सोमवार को चिकित्सा या दवाई से संबंधित कार्य करने पर रोगी को आरोग्य की प्राप्ति होती है।
21. उत्तराषाढ़ा – नुकुला- मनुष्य – अंत
सामान्य चरित्र: धर्मार्थ, सफल, धार्मिक गतिविधियाँ, अच्छे स्वभाव, प्रफुल्लित स्वाभाव पसंद
व्यवसाय: राजनीति, वित्त, धर्मार्थ संस्थाओं, नर्सिंग शिक्षा, व्यापार, चिकित्सा
रविवार के दिन की उ.षा. नाडी मुहूर्त, नव निर्माण कार्यो को करने के लिये तथा किसी काम में उतीर्ण होने के लिये अनुकुल रहता है।
22. श्रवण – कापी- देव- अंत
सामान्य चरित्र: निराशावादी, डरपोक, मितव्ययी, अतिरिक्त सतर्क
व्यवसाय: तेल, पेट्रोल, मत्स्य पालन, कृषि के क्षेत्र में व्यवसाय
श्रवण नक्षत्र में रविवार को जीवन साथी को वस्तु भेंट करना। सोमवार को कृषि के कार्य ,खेतों में बीज डालने का कार्य करना लाभकारी रहता है।मंगलवार को नया वाहन लेना हितकारी रहता है।
23. घनिष्टा – सिंह – राक्षस- मध्य
सामान्य चरित्र: सक्रिय, मजबूत इच्छाशक्ति, स्वार्थी, लालची
व्यवसाय: बीमा, शराब व्यापारी, पुनर्वास सेवा, सीमेंट, स्पेयर पार्ट्स
सोमवार को लॉटरी कार्यो से लाभ हो सकता है तथा मंगलवार को वाहन के क्रय-विक्रय से संबन्धित कार्य करने चाहिए।
24. शतभिषा – अश्व- राक्षस- अद्य
सामान्य चरित्र: स्वतंत्र, रोगी, अवकाश पसंद और आलसी
व्यवसाय: बिजली, विज्ञान, खगोल, ज्योतिष, शेयर बाजार, शिक्षा, हवाई यात्रा
शतभिषा नक्षत्र में रविवार को यात्रा करना उतम रहता है तथा सोमवार को इस नक्षत्र में काम करने से सरकारी क्षेत्रों के कार्यो में सफलता मिलती है।
25. पूर्वभाद्र – अश्व- मनुष्य – अद्य
सामान्य चरित्र: संगीत, कला प्रेमी, खुशहाल, समृद्ध, मनीषी
व्यवसाय: नियोजन, विदेशी मुद्रा, अस्पताल, कानून, संगीत
इस नक्षत्र में रविवार को कोर्ट-कचहरी से संबंधित कार्य तथा सोमवार को धार्मिक कार्य आरम्भ करने चाहिए।
26. उत्तरभाद्र – गो- मनुष्य- अद्य
सामान्य चरित्र: दार्शनिक, शांति और तनहाई पसंद, सहायक, स्वतंत्र
व्यवसाय: जेल से संबंधित, अस्पताल, इंजीनियरिंग, धर्मार्थ संस्थानों, शिक्षा, आयात निर्यात
इस नक्षत्र में रविवार को दवा लेना शुरू करने से अधिक लाभ होता है। इसके अलावा इस नक्षत्र में सोमवार को अपने लिए साथी की तलाश करने से अच्छा जीवन साथी मिलता है। निवेश, नया व्यवसाय शुरू करने के लिए यह शुभ है।
27. रेवती- गज- देव- अंत
सामान्य चरित्र: सहज ज्ञान युक्त, सहानुभूति, चालाक, ईमानदार लचीला, अध्ययनशील
व्यवसाय: अंकेक्षणल्क, ज्योतिष, बैंक, सिविल इंजीनियरिंग, राजनीति, संचार
यह नक्षत्र सभी तरह के शुभ काम करने के लिए अच्छा है।
सामान्य चरित्र: सौहार्दपूर्ण, शिष्ट, सहानुभूति, सच्चा, सुंदर
व्यवसाय : आतिथ्य उद्योग, डेयरी उत्पाद, इत्र, सौंदर्य प्रसाधन, पशु – कृषि के क्षेत्र में काम
यह शादी सहित सब शुभ कार्य के लिए उत्कृष्ट है।
5. मृगशिरा- सर्प- देव- मध्य
सामान्य चरित्र: मजाकिया, उत्साही, भावुक, स्वार्थी, मजबूत
व्यवसाय: ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, आय, मनोरंजन और बिक्री कर, अनुसंधान, कंप्यूटर, खगोल विज्ञान
मृगशिरा नक्षत्र बुधवार को घर खरीदने के लिए उपयुक्त रहता है।
6. आर्द्रा- श्वान- मनुष्य- अद्य
सामान्य चरित्र : सरल, बोधगम्य, संसाधन और मानसिक रूप से सक्रिय
व्यवसाय: संचार, विज्ञापन, लेखन, अनुसंधान, पोस्ट, और टेलीग्राफ
शुक्रवार को आर्द्रा नाडी की अवधि में, संतान की शिक्षा आरम्भ की जा सकती है। रविवार को सरकारी विभागों के अधिकारियों से मिलने अथवा व्यवसायिक कार्यो से संबन्धित कार्य किया जा सकता है।
7. पुनर्वसु- मर्जर- देव- अद्य
सामान्य चरित्र: सहज ज्ञान युक्त, सुंदर, अच्छी याददाश्त, ज्ञान
व्यवसाय: संपादन, प्रकाशन, पत्रकारिता, वित्त, ज्योतिष
रविवार को देवी देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जा सकती है। सोमवार को पुनर्वसु मूहूर्त में नए घर में प्रवेश कर सकते हैं।
8. पुष्य – मेष – देव – मध्य
सामान्य चरित्र: अंतर्ज्ञानी, दयालु, मददगार, संतुष्ट
व्यवसाय: पनडुब्बी, पेट्रोलियम, कोयला, कृषि, निर्माण से संबंधित
पुष्य नाडी मुहूर्त में मांगलिक कार्य आरम्भ करने के लिए शुभ है। पुष्य नाडी गुरुवार को अमृत योग बनता है। इस मुहुर्त में गृह प्रवेश, वधु प्रवेश, गृह निर्माण, व्यापार का आरम्भ इत्यादि कार्य किये जा सकते है।
9. अश्लेषा – मर्जर- राक्षस- अंत
सामान्य चरित्र: सरल, तेज दिमाग और यात्रा पसंद
व्यवसाय: वैश्विक व्यापार, इंजीनियरिंग, वाणिज्य और व्यापार, यात्रा संबंधित
शुभ काम के लिए यह अच्छा नक्षत्र नहीं है।
10. मघा – मूषक – राक्षस – अंत
सामान्य चरित्र: चिड़चिड़ा, आवेगी, मेहनती, मुखर
व्यवसाय: रक्षा, शल्य चिकित्सा, रसायन और औषधि निर्माण, सरकारी सेवा
काम करने के लिए तथा शपथ लेने के लिए यह शुभ नक्षत्र है।
11. पूर्वाफाल्गुनी – मूषक – मनुष्य- मध्य
सामान्य चरित्र: उदार, स्नेही, ईमानदार और विनम्र
व्यवसाय : मनोरंजन परिवहन, शिक्षा, खेल, ऑटोमोबाइल, राजस्व
पूर्वाफाल्गुनी में मित्रता करने संबन्धी, प्रतियोगिताओं में भाग लेने, घूमने -फिरने का कार्य को करना चाहिए।
12. उत्तराफाल्गुनी- गाय – मनुष्य- अद्य
सामान्य चरित्र: आशावादी, तर्कसंगत,प्रसन्न, अमीर, दिखावा करना
व्यवसाय: वाणिज्य, शेयर, नौवहन, चिकित्सा, विनिमय, सरकारी सेवा
सोमवार के दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र की अवधि, विवाह कार्यो के लिए अनुकुल होता है।
13. हस्त – महिषी- देव- अद्य
सामान्य चरित्र: मेहनती, ऊर्जा से भरा हुआ, झगड़ालू, साहसी
व्यवसाय: कला, विधि, वाणिज्य, आयात निर्यात, इंजीनियरिंग, राजनीति
ऐसी मान्यता है कि भगवान हनुमान, भगवान गणेश, स्वामी विवेकानंद का जन्म इस नक्षत्र के अंतर्गत हुआ था। शादी और यात्रा के लिए यह शुभ होता है।
14. चित्रा- व्याघ्र – राक्षस – मध्य
सामान्य चरित्र: व्यावहारिक, साहसी, ऊर्जा से भरा हुआ, बेचैन और चिड़चिड़ा, सक्रिय
व्यवसाय : वित्त, रक्षा, पुलिस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, निर्माण, कानून
यह शुभ काम के लिए अच्छा होता है।
15. स्वाति- महिषी – देव- अद्य
सामान्य चरित्र: अनुकूल, संवेदनशील, सामाजिक, दयालु, पहल करने वाला ।
व्यवसाय: परिवहन, व्यापार, कपड़े, चमड़े, दूध, बेकरी।
यह शुभ काम के लिए अच्छा नक्षत्र है।
16. विशाखा- व्याघ्र- राक्षस- अंत
सामान्य चरित्र: सीधा, ईमानदार, स्वतंत्र, उदार, बुद्धिमान
व्यवसाय: बीमा, शेयर बाजार, रक्षा, आपराधिक कानून, केमिकल इंजीनियरिंग, आयुर्वेद
विशाखा नक्षत्र में रविवार के दिन विवाह कार्य कर सकते हैं। इस नक्षत्र में गुरुवार के दिन कार्य आरम्भ करने पर व्यक्ति के धन में वृद्धि होती है।
17. अनुराधा- मृग – देव – मध्य
सामान्य चरित्र: आत्म केन्द्रित, आक्रामक, साहसी, बुद्धिमान, ईमानदार, मेहनती
व्यवसाय: शल्य चिकित्सा, होम्योपैथी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, जेलों का काम
अनुराधा नक्षत्र में रविवार को व्यवसाय आरम्भ तथा सोमवार को यात्रा किया जा सकता है।
18. ज्येष्ठा – मृग – राक्षस- अंत
सामान्य चरित्र: विनोदपूर्ण, सहज, व्यावहारिक, दार्शनिक
व्यवसाय: शल्य चिकित्सा, प्रकाशन, वस्त्र मशीनरी, केबल तारों के निर्माता
शुभ काम के लिए यह नक्षत्र निषिद्ध है।
19. मूल – श्वान- राक्षस- अद्य
सामान्य चरित्र: आक्रामक, सौहार्दपूर्ण, धर्मार्थ, उदार, ईमानदार
व्यवसाय: वैश्विक व्यापार, कानून, शिक्षा, सामाजिक कार्य, व्यापार, चिकित्सा
रविवार के दिन मूल नाडी मुहूर्त में धन लाभ से जुडे कार्य ,आय में वृद्धि होने संबधित कार्य करने पर लाभ होता है।
20. पूर्वाषाढ़ा- कापी – मनुष्य – मध्य
सामान्य चरित्र: विस्तृत सोच, विनम्र, दयालु, संवेदनशील, ईमानदार
व्यवसाय: ज्योतिष, मनोगत अध्ययन, बैंक, होटल, विदेशी मुद्रा, परिवहन
रविवार को व्यापार संबंधी कार्य आरम्भ किये जा सकते है जिससे लाभ में वृद्धि होती है। सोमवार को चिकित्सा या दवाई से संबंधित कार्य करने पर रोगी को आरोग्य की प्राप्ति होती है।
21. उत्तराषाढ़ा – नुकुला- मनुष्य – अंत
सामान्य चरित्र: धर्मार्थ, सफल, धार्मिक गतिविधियाँ, अच्छे स्वभाव, प्रफुल्लित स्वाभाव पसंद
व्यवसाय: राजनीति, वित्त, धर्मार्थ संस्थाओं, नर्सिंग शिक्षा, व्यापार, चिकित्सा
रविवार के दिन की उ.षा. नाडी मुहूर्त, नव निर्माण कार्यो को करने के लिये तथा किसी काम में उतीर्ण होने के लिये अनुकुल रहता है।
22. श्रवण – कापी- देव- अंत
सामान्य चरित्र: निराशावादी, डरपोक, मितव्ययी, अतिरिक्त सतर्क
व्यवसाय: तेल, पेट्रोल, मत्स्य पालन, कृषि के क्षेत्र में व्यवसाय
श्रवण नक्षत्र में रविवार को जीवन साथी को वस्तु भेंट करना। सोमवार को कृषि के कार्य ,खेतों में बीज डालने का कार्य करना लाभकारी रहता है।मंगलवार को नया वाहन लेना हितकारी रहता है।
23. घनिष्टा – सिंह – राक्षस- मध्य
सामान्य चरित्र: सक्रिय, मजबूत इच्छाशक्ति, स्वार्थी, लालची
व्यवसाय: बीमा, शराब व्यापारी, पुनर्वास सेवा, सीमेंट, स्पेयर पार्ट्स
सोमवार को लॉटरी कार्यो से लाभ हो सकता है तथा मंगलवार को वाहन के क्रय-विक्रय से संबन्धित कार्य करने चाहिए।
24. शतभिषा – अश्व- राक्षस- अद्य
सामान्य चरित्र: स्वतंत्र, रोगी, अवकाश पसंद और आलसी
व्यवसाय: बिजली, विज्ञान, खगोल, ज्योतिष, शेयर बाजार, शिक्षा, हवाई यात्रा
शतभिषा नक्षत्र में रविवार को यात्रा करना उतम रहता है तथा सोमवार को इस नक्षत्र में काम करने से सरकारी क्षेत्रों के कार्यो में सफलता मिलती है।
25. पूर्वभाद्र – अश्व- मनुष्य – अद्य
सामान्य चरित्र: संगीत, कला प्रेमी, खुशहाल, समृद्ध, मनीषी
व्यवसाय: नियोजन, विदेशी मुद्रा, अस्पताल, कानून, संगीत
इस नक्षत्र में रविवार को कोर्ट-कचहरी से संबंधित कार्य तथा सोमवार को धार्मिक कार्य आरम्भ करने चाहिए।
26. उत्तरभाद्र – गो- मनुष्य- अद्य
सामान्य चरित्र: दार्शनिक, शांति और तनहाई पसंद, सहायक, स्वतंत्र
व्यवसाय: जेल से संबंधित, अस्पताल, इंजीनियरिंग, धर्मार्थ संस्थानों, शिक्षा, आयात निर्यात
इस नक्षत्र में रविवार को दवा लेना शुरू करने से अधिक लाभ होता है। इसके अलावा इस नक्षत्र में सोमवार को अपने लिए साथी की तलाश करने से अच्छा जीवन साथी मिलता है। निवेश, नया व्यवसाय शुरू करने के लिए यह शुभ है।
27. रेवती- गज- देव- अंत
सामान्य चरित्र: सहज ज्ञान युक्त, सहानुभूति, चालाक, ईमानदार लचीला, अध्ययनशील
व्यवसाय: अंकेक्षणल्क, ज्योतिष, बैंक, सिविल इंजीनियरिंग, राजनीति, संचार
यह नक्षत्र सभी तरह के शुभ काम करने के लिए अच्छा है।
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