सभी के घरों में लकड़ी के सामान अवश्य ही होते हैं। वास्तु के अनुसार कुछ पेड़ों की लकडिय़ां घर में बरकत बढ़ाती है और सदस्यों की आय में फायदा होता है। घर की साज-सज्जा बाहरी हो या अंदर की वह हमारी बुद्धि, मन और शरीर के साथ-साथ घर की सुख-शांति को भी प्रभावित करती है। घर में यदि वस्तुएं वास्तु अनुसार सुसज्जित न हो तो वास्तु और ग्रहों की विषमता के कारण घर में क्लेश, अशांति का जन्म होता है। घर के बाहर की साज-सज्जा बाहरी लोगों को एवं आंतरिक श्रृंगार हमारे अंत: करण को सौंदर्य प्रदान करता है। जिससे सुख-शांति और सौम्यता प्राप्त होती है। घर की सुंदरता बढ़ाने में फर्नीचर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इन्हीं फर्नीचर्स की लकडिय़ों वास्तु अनुसार सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव घर में फैलाती है।
घर में फर्नीचर बनवाने के लिए बहेड़ा, पीपल, वटवृक्ष, पाकर, कैथ, करंज, गुलर आदि लकडिय़ों का प्रयोग न करें। ऐसा करने पर सुख का नाश होता है। पलंग के सिराहने पर अशुभ आकृति न हो इसका ध्यान रखें जैसे सिंह, गिद्द, बाज या अन्य हिंसक पशु ऐसा होने पर वह मानसिक विकार उत्पन्न करती है। जो कलह का कारण होता है।
फर्नीचर में शीशम, महुआ, अर्जून, बबूल, खैर, नागकेशर वृक्ष की लकड़ी काम में ले सकते हैं। इन लकडिय़ों का फर्नीचर घर का वातावरण शांत और समृद्धि बढ़ाने वाला बना रहता है। इन लकडिय़ों से घर में रहने वाले सभी सदस्यों की आय में फायदा होता है।
घर में फर्नीचर बनवाने के लिए बहेड़ा, पीपल, वटवृक्ष, पाकर, कैथ, करंज, गुलर आदि लकडिय़ों का प्रयोग न करें। ऐसा करने पर सुख का नाश होता है। पलंग के सिराहने पर अशुभ आकृति न हो इसका ध्यान रखें जैसे सिंह, गिद्द, बाज या अन्य हिंसक पशु ऐसा होने पर वह मानसिक विकार उत्पन्न करती है। जो कलह का कारण होता है।
फर्नीचर में शीशम, महुआ, अर्जून, बबूल, खैर, नागकेशर वृक्ष की लकड़ी काम में ले सकते हैं। इन लकडिय़ों का फर्नीचर घर का वातावरण शांत और समृद्धि बढ़ाने वाला बना रहता है। इन लकडिय़ों से घर में रहने वाले सभी सदस्यों की आय में फायदा होता है।
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