Sunday, July 10, 2011

भारी सफलताओं से भविष्य संवार देते हैं ये सूर्य मंत्र


लुधियाना के ज्योतिषाचार्य Varinder Kumar JI  के अनुसार  
सफलता का कोई छोटा रास्ता नहीं होता। बल्कि कामयाबी का संकल्प कर्म, व्यवहार और विचार में उतारकर गुण, शक्ति और ऊर्जा के बूते ही मनचाहा लक्ष्य प्राप्त करना संभव हो पाता। सरल शब्दों में सफलता के लिए जरूरी योग्यता, प्रयास और समय के सदुपयोग के सूत्र हर इंसान को अपनाने ही पड़ते हैं। 

सफलता के लिये किए जाने वाले ऐसे ही प्रसासों में धार्मिक उपाय भी शामिल होते हैं। देव शक्ति में विश्वास रखने वाला इंसान सफलता की राह में आने वाली बाधाओं से रक्षा के लिये देव स्मरण करता है। 

हिन्दू धर्म के पंचदेवों में एक सूर्यदेव की उपासना भी सफलता, यश और स्वास्थ्य देने वाली मानी गई है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक रविवार के दिन सूर्य की उपासना मनचाही सफलता की कामना पूरी करती है। विशेष रूप से उज्जवल भविष्य की कामना रखने वाले विद्यार्थी या कामकाजी लोगों के लिये यहां बताया जा रहा सूर्य का वैदिक मंत्र और पूजा की सरल विधि बहुत ही शुभ बताई गई है-

- रविवार के दिन यथासंभव सूर्योदय से पहले जागें, स्नान करें, सफेद वस्त्र पहनें। 

- सूर्योदय होने पर एक कलश में पवित्र जल लेकर लाल फूल व लाल अक्षत डालकर ॐ सूर्याय नम: बोलकर अर्घ्य दें। 

- सूर्य को अघ्र्य देकर घर या नवग्रह मंदिर में सूर्यदेव की प्रतिमा या तस्वीर पर फिर से लाल गंध, अक्षत, फूल चढ़ाकर गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं धूप-दीप जलाएं और नीचे लिख सूर्य मंत्र का वैदिक मंत्र का 11, 21 या 101 बार आसन पर बैठकर सफलता की कामना से ध्यान करें - 

 आकृष्णे नरजसा वर्तमानो निवेशयन्न मर्त्यंच। 

हिरण्ययेन सविता रथेनो याति भुवनानि पश्यन्।

या 

 विश्वानिदेव सवितर्दुरितानि परासुव। जद्भद्रं तन्न आसुव। 

- मंत्र जप पूजा के बाद सूर्य देव की दीप आरती कर गुड़, गेंहू या तांबे के पात्र का दान ब्राह्मण या गरीबों को करें।



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jyotishachary Varinder Kumar JI 
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